कहानी दुर्दांत दुजाना के आतंक की, 12 केस में हुआ बरी
स्वतंत्रदेश , लखनऊ:शासन की गैंगस्टर-माफिया सूची में शामिल अनिल दुजाना जरायम की दुनिया का ऐसा नाम रहा है जिसके सामने गवाह मुंह खोलने से भी घबराते थे। उस पर 52 केस दर्ज थे। इनमें से 12 केस में वह बरी हो गया था। दो बार न्यायालय ने फरारी के केस में दोषी मानते हुए तीन साल की सजा सुनाई थी। उसने वर्ष 2021 में सिकंदराबाद के दो व्यापारियों से जमीन के विवाद के अलग-अलग मामलों में एक करोड़ की रंगदारी मांगी थी। वहीं शासन की लिस्ट में नाम आने के बाद से उसका नाम पुलिस और एसटीएफ की रडार पर था।
गौतमबुद्ध नगर के बादलपुर थाना क्षेत्र के दुजाना गांव निवासी अनिल नागर उर्फ अनिल दुजाना पिछले माह दिल्ली से आर्म्स एक्ट के केस में जमानत पर जेल से बाहर आया था। बाहर आते ही वह फिर सक्रिय हो गया था। उसपर दो गवाहों ने हाल ही में सूरजपुर व दादरी कोतवाली में रंगदारी मांगने और धमकी देने के केस दर्ज कराए थे। इससे पहले 16 अक्तूबर 2021 को सिकंदराबाद के चौधरीवाड़ा में किराना के व्यापारी अपनी दुकान का निर्माण कर रहे थे।उसी समय उनकी दुकान पर अनिल दुजाना गिरोह का लुहारली गांव का अनुज और खटाना गांव का सचिन उर्फ सच्चू और राहुल समेत दो और अराोपी पहुंचे थे। आरोपियों ने व्यापारी से अनिल दुजाना का नाम लेकर एक करोड़ रुपये की रंगदारी देने के बाद ही निर्माण करने देने की धमकी दी। व्यापारी ने अपने कर्मियों के साथ राहुल को मौके से पकड़कर पुलिस को सौंपा। व्यापारी की पत्नी ने भी एक माह पहले आरोपियों पर एक करोड़ की रंगदारी मांगने का केस दर्ज कराया था।
स्क्रैप-कंपनी के ठेके कब्जे को लेकर सुंदर भाटी से हुई गैंगवार
अनिल ने सबसे पहले वर्ष 2002 में रुपयों के लेनदेन के विवाद में बादलपुर थाना क्षेत्र में युवक की हत्या की थी। उसी साल उसने सेक्टर-20 थाना क्षेत्र और मोदीनगर में भी हत्या की वारदात की। उन दिनों गौतमबुद्ध नगर में स्क्रैप, सरिया और कंपनी के ठेके कब्जाने के अवैध धंधे पर सुंदर भाटी गिरोह हावी था। दुजाना ने आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए अवैध धंधे में दखल शुरू किया। रणदीप भाटी गिरोह सुंदर भाटी का विरोधी था।इसके चलते अनिल और रणदीप गिरोह की निकटता हो गई थी। वर्ष 2012 में अनिल के गिरोह ने खेड़ी गांव के जयचंद प्रधान की हत्या की। इसके बाद सुंदर भाटी गिरोह ने हरेंद्र प्रधान की हत्या की। सुंदर भाटी पर साहिबाबाद व गौतमबुद्ध नगर में हुए जानलेवा हमले में भी अनिल दुजाना गिरोह का नाम आया था। सुंदर भाटी और अनिल दुजाना गिरोह की गैंगवार में कई लोगों की हत्या हुईं। अनिल दुजाना पर गौतमबुद्ध नगर के अलावा मुजफ्फरनगर के सात और गाजियाबाद में भी कई केस दर्ज हैं।
खुद चुनाव जीता और पत्नी को भी राजनीति में लाने का किया प्रयास
जेल में रहते हुए ही दुजाना ने वर्ष 2011 में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा। उसके मैदान में उतरते ही अन्य प्रत्याशी पीछे हट गए थे। हालांकि बाद में चुनाव हुआ। जिसमें उसे जीत हासिल हुई। असने पत्नी पूजा को जिला पंचायत का चुनाव लड़ाने का प्रयास किया था। पूजा ने नामांकन पत्र भी खरीद लिया था। लेकिन बाद में किसी वजह से नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया था।