उत्तर प्रदेशराज्य

निकाय चुनाव में OBC आरक्षण मामला

स्वतंत्रदेश , लखनऊ:यूपी निकाय चुनाव में फिर से पेंच फसने के आसार हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने निकाय चुनाव में आरक्षण संबंधी अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट तलब किया है। यह आदेश न्यायमूर्ति रंजन राय और न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने एक याचिका पर रिपोर्ट तलब करने का आदेश दिया है। मामले की सुनवाई आज यानी गुरुवार को भी होगी।

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि रिपोर्ट उपलब्ध न होने से आपत्ति दाखिल करने में परेशानी हो रही है। वहीं अपर महाधिवक्ता कुलदीप पति त्रिपाठी के अनुसार याची ने पिछड़ा वर्ग आयोग को सूची प्राप्त करने के लिए किसी भी अधिकारी से संपर्क नहीं किया है।

याचिकाकर्ता ने 30 मार्च को आरक्षित सीटों के लिए जारी अधिसूचना में नगर लखीमपुर के पंचायत की सीट आरक्षित किए जाने की चुनौती दी है। याची के अधिवक्ता गौरव मल्होत्रा ने कोर्ट में कहा कि आयोग की रिपोर्ट उपलब्ध न होने के कारण याची को 30 मार्च की अधिसूचना और संतोषजनक आपत्ति दाखिल करने में काफी परेशानी हो रही है। कोर्ट को बताया कि राजनीतिक तौर पर जिन जातियों को पिछड़ी जाति माना गया है। उनकी सूची भी सार्वजनिक नहीं की गई है।

साथ ही यह भी साफ नहीं किया गया है कि कौन-सी पिछड़ी जातियों के लिए सीटें आरक्षित की गई हैं। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट पहले ही साफ कर चुका है कि निकाय चुनाव के संबंध में पिछड़ा वर्ग को डेटा के आधार पर चिह्नितकरण कर किया जाना जरूरी है। क्योंकि राजनीतिक पिछड़ापन सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ापन से अलग होता है।

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