उत्तर प्रदेशराज्य

मानस विवाद में भागवत के बयान को बनाई ढाल

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:रामचरित मानस विवाद को लेकर चौतरफा घिरे स्वामी प्रसाद मौर्य ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी को आधार बनाते हुए विरोधियों पर जमकर निशाना साधा। सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने पूरे प्रकरण में आरएसएस प्रमुख के बयान को अपनी ढाल के तौर पर इस्तेमाल किया है।उन्होंने कहा कि भागवत ने धर्म की आड़ में महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ो को गाली देने वाले ठेकेदारों और ढोंगियों की कलई खोल दी, कम से कम अब तो रामचरित्र मानस से आपत्तिजनक टिप्पणी हटाने के लिये आगे आयें।

सपा नेता ने कहा कि मैंने रामचरित मानस की कुछ चौपाइंयों का उल्लेख कर उन्हें हटाने की मांग की थी, उस पर विचार करने के बजाय, मेरी जीभ, हाथ और गर्दन काटने के ऐलान किए जाने लगे। उन्होंने कहा कि क्या अब तथाकथित धर्म के ठेकेदार मोहन भागवत की टिप्पणी पर भी इस तरह की घोषणाएं करने की हिम्मत रखते हैं।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जिस प्रकार, मेरी मांग के विपरित मेरे खिलाफ आतंकवादी, हिंसक, अपराधी भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है, इस तरह की सोच ने ही समय समय पर हिंदू धर्म को कमजोर किया। यहां उन्होंने बीआर अंबेडकर की उस टिप्पणी का भी उल्लेख जिसमें उन्होंने कहा था कि मैंने हिंदू धर्म में जन्म लिया, लेकिन मैं हिंदू बनकर मरुंगा नहीं।मौर्य ने कहा कि कई मौकों पर आरएसएस प्रमुख ने कई मौकों पर कहा कि भारत में जो भी रहता है वह हिंदू धर्म का है। उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से लोग हिंदू धर्म को छोड़कर अन्य धर्मों में गए जिससे साफ होता है कि कि इस धर्म की कमियां हजारों सालो से चली आ रही है, जिसके नाते लोगों को अपमानित और प्रताड़ित होकर इस धर्म को छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भागवत की टिप्पणी के बाद अब इस विवाद का दायरा बढ़ेगा।रा ष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि जाति, वर्ण और संप्रदाय पंडितों के द्वारा बनाए गए थे। उन्होंने कहा, “जब हम आजीविका कमाते हैं तो समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी होती है। जब हर काम समाज के लिए होता है तो कोई भी काम छोटा या बड़ा कैसे हो सकता है। भगवान ने हमेशा कहा है कि हर कोई उनके लिए समान है और कोई जाति या वर्ण नहीं है, उसके लिए संप्रदाय नहीं है, यह पंडितों द्वारा बनाई गई थी जो गलत है।”

Related Articles

Back to top button