उत्तर प्रदेशलखनऊ

निवेशकों को सुरक्षा, मैनपावर चाहिए…यूपी में सब मिलेगा

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि किसी भी निवेशक को चार चीजें सुरक्षा, जमीन, मानव हस्तक्षेप रहित इंसेंटिव और मैनपावर चाहिए। यूपी में ये चारों ही सुविधाएं सहजता से उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा है कि प्रदेश सरकार को इन्वेस्टर्स समिट को लेकर देश-दुनिया के निवेशकों से बहुत ही उत्साहवर्धक समर्थन मिला है। सरकार इन प्रस्तावों को जमीन पर उतारकर राज्य के सर्वांगीण और संतुलित विकास को गति देगी। उन्होंने प्रदेश के आगामी बजट सत्र के दौरान उठाए जाने वाले किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार होने की बात करते हुए विपक्ष पर जाति व धर्म की राजनीति करने का आरोप लगाया।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के विजन को ध्यान में रखकर बजट पेश किया है। यह न सिर्फ सर्वस्पर्शी है, बल्कि सर्व समावेशी भी है। विजन के साथ में प्रस्तुत एक आधुनिक भारत का बजट है, जो देश की आगामी 25 वर्षों की कार्ययोजना को देश के सामने प्रस्तुत करता है। देश की सबसे बड़ी आबादी का राज्य होने की वजह से केंद्र के बजट का सर्वाधिक लाभ यूपी के लोगों को प्राप्त होगा। इसमें देश के 80 करोड़ लोगों को, गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ तो मिल ही रहा है, मध्य वर्ग को आयकर में छूट का लाभ भी प्राप्त होगा। इसी तरह इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की बात करें तो रेलवे के लिए 2013-14 की तुलना में नौ गुना वृद्धि की गई है। ऐसे ही हेल्थ सेक्टर में वन डिस्ट्रिक्ट-वन मेडिकल कॉलेज के बाद वन मेडिकल कॉलेज-वन नर्सिंग कॉलेज के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक नया विजन देखने को मिला है। औद्योगिक विकास के लिए एमएसएमई को सबसे अधिक समर्थन की जरूरत होती है। उसके लिए बड़े प्रावधान किए गए हैं। इसी तरह नए भारत को तकनीकी तौर पर सक्षम बना सकें, इसकी पूरी दृष्टि केंद्रीय बजट में पेश की गई है।

फरवरी 2018 के अनुभव हमारे सामने थे। हमने यूपी में निवेश को बल देने से संबंधित सभी सेक्टर की निवेश फ्रेंडली और रोजगारपरक नीतियों को बनाकर लागू कर दिया है। 25 सेक्टर की नीतियां हम लागू कर चुके हैं। निवेशक तीन-चार चीजों को लेकर हमेशा सशंकित   रहता है। 

  • पहला, सुरक्षा। आज यूपी के सामने सुरक्षा का कोई मुद्दा नहीं है। कानून-व्यवस्था व बदले माहौल के जरिए यूपी आज देश के सुरक्षित राज्यों में से एक है। 
  • दूसरी चिंता लैंड बैंक की रहती है। उद्योग कहीं न कहीं जमीन पर ही लगने हैं। हमारे पास पर्याप्त मात्रा में लैंड बैंक है। 
  • तीसरी बात, किसी भी निवेशक को अपने निवेश के लिए कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़े। हमने इसकी भी पुख्ता व्यवस्था की है।

निवेशकों के लिए निवेश सारथी पोर्टल पर आवेदन की सुविधा दी गई है। निवेश सारथी की मॉनीटरिंग मुख्यमंत्री कार्यालय कर रहा है। निवेश सारथी संबंधित निवेशक को उस पॉलिसी तक पहुंचाता है, जिसमें उसे निवेश करना है। यह उसे संबंधित सेक्टर में एमओयू के लिए तैयार करता है। एमओयू के लिए जैसे ही तैयार हुआ, निवेश मित्र पोर्टल पर आ गया। निवेश मित्र पोर्टल पर आने के बाद जैसे ही एमओयू होगा, यह पोर्टल संबंधित निवेश को जमीन पर उतारने की कार्यवाही सुनिश्चित करेगा। प्रोजेक्ट लगने के बाद निवेशक को इंसेंटिव मिलना चाहिए। इसके लिए भी एक सॉफ्टवेयर डेवलप किया गया है। निवेश सारथी, निवेश मित्र व इंसेंटिव मॉनीटरिंग की पूरी प्रक्रिया मानव हस्तक्षेप रहित है।

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