उत्तर प्रदेशराज्य

बस नाम के ही हैं स्मार्ट चौराहे

स्वतंत्रदेश , लखनऊ:इन्वेस्टर्स समिट और जी-20 के आयोजनों को लेकर एक तरफ शहर को सजाया संवारा जा रहा है तो दूसरी ओर अधूरे पड़े स्मार्ट चौराहे-तिराहे मेहमानों के सामने बदरंग तस्वीर पेश करेंगे। मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब की सख्ती के बावजूद इनका काम आगे नहीं बढ़ पाया। इनके काम पिछले साल 30 जून को ही पूरे हो जाने चाहिए थे। स्मार्ट सिटी योजना के तहत पहले जहां 33 चौराहों को स्मार्ट बनाया जाना था। अब इनकी संख्या महज 12 रह गई है।

कपूरथला चौराहा भी स्मार्ट चौराहा योजना में शामिल है। इसे स्मार्ट बनाने का काम करीब आठ महीने से चल रहा है। करीब दो महीने से यहां भी काम बंद है। यही हाल नेहरू बाल वाटिका के पास स्थित अल्कापुरी तिराहे का है। यहां पर भी काम अधूरा पड़ा है। अलीगंज सेक्टर-क्यू चौराहे पर भी करीब चार महीने से काम चल रहा है, पर अब तक पूरा नहीं हुआ।

कई कमियां भी आ चुकी हैं सामने
स्मार्ट चौराहा-तिराहा के काम में लापरवाही बरती जा रही है। कई जगहों पर फुटपाथ के निर्माण में गड़बड़ियां सामने आ चुकी हैं। कहीं नाली नहीं बनी थी तो कहीं स्लोप ही नहीं बनाया गया। इन कमियों को दूर करने के लिए ही मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने एक कमेटी भी बनाई थी, जिसमें मुख्य अभियंता एलडीए, अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग और मुख्य अभियंता सिविल नगर निगम को शामिल किया गया था। इसके बावजूद कोई फायदा नजर नहीं आ रहा।

स्मार्ट चौराहा-तिराहा पर ये काम होने हैं
– ट्रैफिक सिग्नल की व्यवस्था होनी है।
– चौराहे के चारों ओर फुटपाथ को फिर से बनाना है।
– जेब्रा क्रॉसिंग बनाई जानी है।
– जो चौराहे गोल हैं, वहां बिटुमिन वाली ऐसी सड़क बनाई जानी हैं, जिस पर गाड़ियां न फिसलें।

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