उत्तर प्रदेशराज्य

आश्रित कोटे से नौकरी पाने वाला बर्खास्त

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:KGMU में फर्जीवाड़े के जरिए नौकरी पाने वाले एक और कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई हुई हैं। बड़ी बात यह हैं कि नियम विरुद्ध आश्रित कोटे में नौकरी पाने स्टॉफ के खिलाफ एक्शन लेने में करीब 19 साल का समय लगा।

इस मामले में कर्मचारी को कोर्ट से भी राहत नहीं मिली। इसके बाद KGMU कुलसचिव रेखा सिंह चौहान ने कर्मचारी की सेवा समाप्ति का आदेश जारी कर दिया।एक और अहम बात यह हैं कि ऐसे 9 मामलें इससे पहले सामने आ चुके हैं।

रजिस्ट्रार ने जारी किया आदेश

KGMU कुलसचिव के आदेश में कहा गया है कि कर्मचारी ने अपनी पिता की मृत्यु होने के बाद यूनिवर्सिटी में मृतक आश्रित कोटे में नौकरी के लिए आवेदन किया था। इसमें उन्होंने यह तथ्य छिपाया था कि उनकी मां भी KGMU में ही नौकरी कर रहीं। जबकि नियमानुसार माता-पिता दोनों के नौकरी करने की सूरत में बेटे को मृतक आश्रित कोटे में नौकरी नहीं दी जा सकती है। कर्मचारी को वर्ष 2003 में नौकरी मिली थी। कर्मचारी ने यह दलील भी दी कि इस उम्र में वह अब किसी नौकरी के लिए अर्ह नहीं है। मानवीय आधार पर उसकी सेवा समाप्त न की जाए। यूनिवर्सिटी में पहले भी इस तरह के नौ मामले सामने आ चुके हैं। सेवा समाप्ति का यह पांचवा मामला है।

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