एक्सप्रेसवे के निर्माण में दो सरकारी विद्यालय हुए अधिग्रहित
स्वतंत्रदेश , लखनऊ:प्राथमिक शिक्षा और प्राथमिक विद्यालयों के सुधार के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। मगर सरकारी विभागों की उदासीनता किसी से छिपी नहीं। ऐसे ही दो सरकारी विभागों की कार्यशैली के कारण दो परिषदीय विद्यालय उदासीनता के भेंट चढ़ गए। करीब सात साल पहले 2015 में बने आगरा एक्सप्रेस वे के निर्माण में दो सरकारी स्कूल अधिग्रहित हो गए।
हालांकि इन्हें पुनर्स्थापित करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने कोई दिलचस्पी दिखाना उचित नहीं समझा। 2015 के बाद से हालात यह है कि इन विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को अब दूसरे स्कूल का सहारा लेना पड़ रहा है।जहां पर इनके बैठने के समुचित इंतजाम नहीं हो पा रहे हैं।
शिक्षकों का कहना है कि ऐसे हालात में नई शिक्षा नीति व निपुण भारत के लक्ष्यों को पर्याप्त कक्षा न होने के कारण कैसे प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने परिषदीय स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए सरकार से समस्या के संज्ञान की अपील की।
एक बार पूरा मामला समझ लिया जाए, क्योंकि सात साल पहले का मामला है। इससे संबंधित सभी पत्रावली निकलवा लिया जाए तभी कुछ कहना उचित है।