उत्तर प्रदेशराज्य

लखनऊ की हवा हुई और जहरीली

 स्वतंत्रदेश,लखनऊ:राजधानी लखनऊ की आबोहवा के खराब होने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। भारतीय विष विज्ञान संस्थान के प्री मानसून से जुड़े आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि शहर में प्रदूषक तत्वों की भरमार देखने को मिल रही है और पिछले साल की तुलना में इस साल की समान अवधि में उनकी तादाद काफी ज्यादा बढ़ गई है। जिस प्रकार के आंकड़े सामने आए हैं, उनमें वाहनों की आवाजाही प्रदूषित तत्वों में बढ़ोतरी करने वाले सबसे बड़े कारण के रूप में उभरते दिखाई पड़ते हैं। इन आंकड़ों के अनुसार व्यावसायिक इलाकों में चारबाग और आवासीय इलाकों में इंदिरानगर पर प्रदूषण की सबसे अधिका मार पड़ रही है।

रिपोर्ट के आंकड़े जुटाने के लिए संस्थान ने महानगर में नौ स्थानों को सर्वेक्षण के लिए चुना था। 

आइआइटीआर की प्री मानसून रिपोर्ट अप्रैल और मई माह के आंकड़ों पर तैयार की गई है। इसके अनुसार, पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष राजधानी में पीएम 2.5 के स्तर में 43.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह एक बड़े खतरे की घंटी है। खासतौर से पीएम 2.5 में इतनी बढ़ोतरी चिंता का सबब है। संस्थान के निदेशक प्रो. एसके बारिक ने बताया कि प्री-मानसून में पीएम 2.5 का औसत स्तर 64.5 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर था, जो इस साल 92.8 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज हुआ। इस कारण लोगों में फेफड़ों की सूजन, खांसी के अलावा सांस की नलियों सिकुड़न जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

Related Articles

Back to top button