दो दिन बढ़ेगा बिजली संकट
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:प्रदेश में अगले दो दिन तक बिजली संकट बढ़ सकता है। एक बार फिर उत्पादन कम होने लगा है। हालांकि इस बार कारण कोयला न होकर तकनीकी खराबी है। चार यूनिट में क्षमता से कम उत्पादन हुआ है। जानकारों का कहना है कि चारों को जोड़ दिया जाए तो करीब 900 मेगावाट बिजली पैदावार पर असर पड़ेगा। इससे करीब 7 लाख उपभोक्ताओं को बिजली दी जा सकती है। इसको लेकर चेयरमैन एम देवराज ने स्थानीय स्तर पर अधिकारियों से सजगता बरतने का आदेश दिया है।
रात को कट सकती बिजली
विभाग के सूत्रों का कहना है कि बिजली की कम उपलब्धता होने की वजह से रात में बिजली कटौती की जाएगी। मौजूदा समय में प्रदेश में बिजली की मांग 25,000 मेगावाट के पार पहुंच गई है। ग्रामीण इलाकों को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर सेक्टर में पर्याप्त बिजली सप्लाई हो रही है। लेकिन उत्पादन में आई कमी से एक बार फिर से व्यवस्था पर असर पड़ सकता है। इससे पहले कोयले की कमी के कारण गांव में 8 घंटे तक बिजली काटी जा रही थी। यहां तक की शहरों में भी कटौती होने लगी थी।
एक्सचेंज से नहीं खरीद सकते बिजली
यूपी के लिए समस्या है कि वह पावर एक्सचेंज से भी बिजली नहीं खरीद सकता है। दरअसल, पावर कॉर्पोरेशन ने खुद के लिए 7 रुपए की सीलिंग तय कर दी है। यानी कि एक्सचेंज पर किसी भी स्थिति में 7 रुपए प्रति यूनिट से ज्यादा महंगी बिजली नहीं खरीदी जाएगी। जबकि वहां मौजूदा समय 12 रुपए प्रति यूनिट तक बिजली मिल रही है। ऐसे में महंगी बिजली होने की वजह से यह समस्या आ रही है। पावर कॉर्पोरेशन पहले ही भारी भरकम घाटे से जूझ रहा है।
ये यूनिटें हुई बंद
ऊंचाहार, रोजा और सिंगरौली से उत्पादन कम हुआ है। इसमें ऊंचाहार से 116 मेगावाट, सिंगरौली की 279 मेगावाट और 660 मेगावाट और रोजा की 300 मेगावाट उत्पादन पर असर पड़ा है।