उत्तर प्रदेशराज्य

बताना मुश्किल है किसकी होगी जीत

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:यूपी विधानसभा चुनाव में 48 सीटों पर कांग्रेस के दम दिखाने से चुनावी समीकरणों पर असर पड़ा है। इन सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबले से हार-जीत का अंतर कम होगा। दिग्गज भी मान रहे हैं कि यह कहना मुश्किल है कि किसकी होगी जीत? इन 48 सीटों में से अधिकतर पर मतदान हो चुका है।

बताना मुश्किल है किसकी होगी जीत

गोंडा की गौरा सीट पर कांग्रेस त्रिकोण बनाने में सफल रही है। यहां सपा ने अति पिछड़े, बसपा ने मुस्लिम, भाजपा ने पिछड़े और कांग्रेस ने सामान्य वर्ग के प्रत्याशी पर दांव लगाया है। कांग्रेस ने यहां पूर्व विधायक राम प्रताप सिंह को चुनाव मैदान में उतारा। इस सीट पर सपा और भाजपा के साथ ही कांग्रेस के अच्छा लड़ने से जहां रण दिलचस्प हुआ, वहीं परिणाम भी चौंकाने वाले हो सकते हैं।

बहराइच की महसी सीट पर कभी सपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके राजेश तिवारी को कांग्रेस ने उतारकर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है। सपा ने भी यहां से ब्राह्मण प्रत्याशी दिया। जबकि भाजपा ने क्षत्रिय पर दांव लगाया। यहां बने त्रिकोण ने लड़ाई को किसी के लिए भी आसान नहीं रहने दिया। अमेठी की गौरीगंज सीट पर कांग्रेस ने मजबूत मुस्लिम प्रत्याशी देकर मुकाबले को दिलचस्प बनाया।

मुख्य लड़ाई में भाजपा, सपा और कांग्रेस ही दिखे। यहां की जगदीशपुर और सलोन सीट पर भी कांग्रेस ने अपना दमखम दिखाया। अमेठी में भी त्रिकोणीय मुकाबले के कारण जीत-हार का अंतर ज्यादा नहीं रहने की संभावना है। रायबरेली की हरचंदपुर सीट पिछली बार कांग्रेस के खाते में गई थी, लेकिन बाद में उसके विधायक राकेश सिंह भाजपा में चले गए। उन्हें भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया। यहां कांग्रेस के प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह के चुनावी समीकरणों को प्रभावित करने की संभावना से शायद ही कोई इनकार करे। अमेठी और रायबरेली सदर में भी कुछ इसी तरह की स्थिति दिखी। बुंदेलखंड की कालपी, हमीरपुर और महोबा सीट पर भी कांग्रेस मुकाबले में रही। आगरा की खैरागढ़ सीट पर कांग्रेस की मजबूती ने दिग्गजों को हैरत में डाला है। अलीगढ़ की कोल सीट पर भी वह हार-जीत के समीकरणों को प्रभावित करने की स्थिति में बताई जाती है। हरदोई की मल्लावां सीट पर पाल प्रत्याशी उतारकर कांग्रेस मुकाबले में आ गई। दूसरे दलों के विश्लेषक भी इससे इनकार नहीं कर रहे हैं। छठे और सातवें चरण की देवरिया की रुद्रपुर, वाराणसी की पिंडरा, कैंट व रोहनिया सीट और महराजगंज की फरेंदा में कांग्रेस मुख्य लड़ाई में दिख रही है। महराजगंज के तमकुहीराज से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और दो बार के विधायक अजय कुमार लल्लू मैदान में हैं। कांग्रेस बलरामपुर की उतरौला और तुलसीपुर सीट पर भी उपस्थिति दर्ज कराते हुए दिख रही है। बलरामपुर जिले में भी 3 मार्च को मतदान होगा। इस तरह से प्रदेश की कुल 48 सीटों पर कांग्रेस समीकरण बनाते-बिगड़ते दिख रही है।

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