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आगरा के उद्यमियों में आक्रोश

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:साल 2021 के आखिरी दिन कपड़े के व्यापारियों को जीएसटी काउंसिल ने राहत पहुंचाई, जबकि जूते के व्यापारियों और उत्पादकों की मुसीबतें और बढ़ा दीं। जीएसटी काउंसिल ने जूते और चप्पलों पर जीएसटी की दर एक जनवरी से पांच फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी करने के लिए मंजूरी दे दी। ताजनगरी के व्यापारियों ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि आगरा देश की 65 फीसदी आबादी को फुटवियर पहनाता है।

बढ़ोतरी वापस लेने की मांग

ताजनगरी में जूतों के उत्पादन और कारोबार से चार लाख लोग जुड़े हुए हैं, जिन पर शनिवार से प्रस्तावित बढ़ोतरी का असर पड़ेगा। एक हजार रुपये तक के जूते शुक्रवार तक 1050 रुपये के बिक रहे थे, लेकिन आज से यह 1120 रुपये में मिल पाएगा। जूता कारोबारियों ने शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल के फैसले का विरोध करने के साथ बढ़ोतरी पर आक्रोश जताया, वहीं कपड़ा व्यापारियों में खुशी है। 

जूते-चप्पलों पर भी टैक्स कम होना चाहिए’
 सीए इंस्टीट्यूट की सचिव सीए दीपिका मित्तल ने कहा कि टैक्सटाइल पर जीएसटी बढ़ोतरी को स्थगित करने का फैसला राहत भरा कदम है, लेकिन जूते-चप्पलों पर भी टैक्स कम होना चाहिए था।

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