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यूपी को बड़ा खतरा,5 मरीज में से 1 ओमिक्रॉन संक्रमित

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:यूपी में विधानसभा चुनाव होने हैं। इस बार हम सरकार को चुन रहे हैं, या कोविड को। ये कहना मुश्किल है। कोविड के साथ ओमिक्रॉन संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी चुनाव में आने वाली भीड़ पर चिंता जाहिर की। फरवरी से चुनाव 1-2 महीने टालने का सुझाव दिया है।

लखनऊ एयरपोर्ट पर यात्रियों की जांच की जा रही है।
लखनऊ एयरपोर्ट पर यात्रियों की जांच की जा रही है।

इससे पहले इंस्टिट्यूट ऑफ जिनोमिक एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) की रिपोर्ट भी यही संकेत दे रही है। इसके मुताबिक, इंदिरा गांधी इंटरनेशनल हवाई अड्डे पर हर 5 कोरोना मरीजों में 1 मरीज ओमिक्रॉन संक्रमित मिल रहा है।

खतरा इसलिए भी अधिक है, क्योंकि दिल्ली से लखनऊ के बीच प्रतिदिन उड़ने वाली 50 फ्लाइट को 80% एयर ट्रैफिक मिल रहा है। लखनऊ के चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट पर आने वाले हर पैसेंजर्स की जांच का दावा किया जा रहा है। लेकिन आंकड़ों में हर रोज सिर्फ 100 यात्रियों के सैंपल ही कोविड जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। यूपी में अब तक 2 ओमिक्रॉन पॉजिटिव मरीज मिले हैं।

दिल्ली में 21 दिनों में ओमिक्रॉन संक्रमित 2 से 57 हुए दिल्ली में 2 दिसंबर को तंजानिया से लौटे एक 37 साल के यात्री में सबसे पहले ओमिक्रॉन वैरिएंट मिला था। इसके बाद वहां 21 दिनों में ओमिक्रॉन संक्रमितों 57 मिल चुके हैं। वहीं, लखनऊ एयरपोर्ट से हर रोज 125 घरेलू फ्लाइट आ रही हैं। यात्रियों की जांच के लिए कोविड हेल्प डेस्क तैयार की गई है। लेकिन सिर्फ 100 यात्रियों की ही प्रतिदिन नमूने जांच के लिए भेजे जा चुके हैं। इनमें भी सिर्फ 187 नमूनों को ही जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया है। इनमें से 89 की रिपोर्ट आ चुकी है।

लखनऊ के चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट पर 4 नमूना बूथ, 95 रैपिड RTPCR मशीनें लगी हैं। टर्मिनल में आते ही यात्रियों की रैंडम जांच की जा रही है। घरेलू करीब 125 उड़ान, जबकि अंतरराष्ट्रीय औसतन 5 उड़ान प्रतिदिन आती हैं। यहां कोविड जांच पॉजिटिव आने के बाद जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजी जाती है। हालांकि इनकी संख्या बहुत कम है।

आगरा में वैक्सीन नहीं लगी होने पर होती हैं जांच
आगरा में अभी सिर्फ 3 फ्लाइट आ रही हैं। यहां कोविड हेल्प डेस्क पर यात्रियों की RTPCR रिपोर्ट देखी जाती है। रिपोर्ट नहीं होने पर और वैक्सीन नहीं लगी होने पर उनकी टेस्टिंग होती है। अगर किसी यात्री की जांच पॉजिटिव आती है तो जीनोम सीक्वेंसिंग का सहारा लिया जाता है।

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