उत्तर प्रदेशराज्य

धनतेरस पर्व पर इस साल विशेष संयोग

 स्वतंत्रदेश,लखनऊ:खरीदारी के लिए धनतेरस को बेहद शुभ माना जाता है। इस लेकर धर्म-शास्‍त्रों, ज्‍योतिष और वास्‍तु शास्‍त्र में कुछ नियम बताए गए हैं। इसमें धनतेरस के दिन क्‍या खरीदना चाहिए और क्‍या नहीं, कैसे पूजन करें, इस बारे में भी विस्‍तार से बताया गया है। सनातन धर्म में कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस पर्व मनाया जाता है। दो नवंबर, 2021 मंगलवार को धनतेरस मनाया जाएगा। धनतेरस के साथ ही पांच दिवसीय दिपावली उत्सव की शुरुआत हो जाती है, जिसमें पहले धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिपावली, गोवर्धन पूजा और भैया दूज का त्योहार मनाया जाता है।

 खरीदारी के लिए धनतेरस को बेहद शुभ माना जाता है। इस लेकर धर्म-शास्‍त्रों ज्‍योतिष और वास्‍तु शास्‍त्र में कुछ नियम बताए गए हैं। 

इस वर्ष त्रयोदशी तिथि दो नवंबर मंगलवार सुबह 8:35 बजे लग रही है, जो तीन नवंबर को सुबह 7:14 बजे तक रहेगी। यमराज को दीपदान के लिए सायंकाल व्याप्त त्रयोदशी की प्रधानता मानी जाती है। अत: मंगलवार शाम त्रयोदशी तिथि मिलने के कारण दो नवंबर को ही धनतेरस मनाया जाएगा।

धनतेरस पर्व के दिन सोना-चांदी, स्टील, फूल, पीतल के बर्तन की खरीदारी करना शुभ माना गया है। इस दिन शाम को घर के बाहर मुख्य दरवाजे पर एक पात्र में अन्न रखकर उस पर यमराज के निमित्त दक्षिणाभिमुख दीपदान करना चाहिए। दीपदान के समय इस मंत्र का जाप भी करें।

  • मृत्युना पाशहस्तेन कालेन भार्यया सह।
  • त्रयोदश्यां दीपदानात्सूर्यज: प्रीयतामिति।।
  • अर्थात यमुना यमराज की बहन हैं। इसलिए धनतेरस के दिन यमुना-स्नान का विशेष महात्म्य है।

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