संक्रमित रहे लोग पेट की समस्याओं को न करें नजरअंदाज
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :पेट में दर्द, ऐंठन, मरोड़ व गैस की समस्या से परेशान है तो इसे नजरअंदाज करने की गलती न करें। यह पोस्ट कोविड के गंभीर लक्षण है। जो समय रहते सही दिशा में इलाज न कराए जाने पर बड़ी बीमारी का रूप ले सकता है। डॉक्टरो ने इसे फंग्शनल गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल डिसऑर्डर करार दिया गया है। संजय गांधी स्नात्कोत्तर शोध संस्थान द्वारा बांग्लादेश के तीन अस्पतालों के साथ मिलकर कोरोना संक्रमित रहे लोगों पर किए गए शोध में कुछ ऐसे ही चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। संस्थान के गैस्ट्रो डिपार्टमेंट के चिकित्सकों ने प्रदेश भर कर अस्पतालों को एलर्ट भी जारी किया है।
गैस्ट्रो डिपार्टमेंट की ओर से संस्थान में भर्ती रहे 109 कोरोना संक्रमित और 171 बांग्लादेश में संक्रमित रहे करीब 280 मरीजों पर शोध किया गया। इसके तहत संक्रमण से मुक्त होने के बाद पोस्ट कोविड लक्षणों की बारीकी से निगरानी की गईं।इन सभी कोरोना संक्रमितों के पहले,तीसरे व छठे महीने के बाद के गहनता से नजर रखने पर पाया गया कि 280 में से 26 मरीज कोरोना से उबरने के 6 महीने बाद भी क्रॉनिक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल परेशानियों से जूझ रहे थे। इन्हें बदहजमी, क्रोनिक पेट दर्द, कबजियत, पेट फूल जाना, ब्लैक स्टूल, मरोड़ के साथ पेचिश व आंव आना, भूख कम लगना, बार-बार मोशन से परेशान रहे।