उत्तर प्रदेशराज्य

जीडीए ने दी बड़ी राहत

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) में मानचित्र पास कराने के लिए आवेदन करने वालों को अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के लिए तहसील कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है। एनओसी मिलती भी है तो अधूरी, जिससे परेशानी खत्म नहीं होती। यह मामला सामने आने के बाद मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी ने तहसील प्रशासन को एनओसी जारी करने के लिए एक टीम बनाने का निर्देश दिया है। इस टीम के पास आनलाइन आवेदन कर निर्धारित समय में आवेदक एनओसी प्राप्त कर सकेंगे और उन्हें बार-बार तहसील कार्यालय का चक्कर लगाने से राहत मिल जाएगी।

गोरखपुर में मकान बनवाने का की राह में सबसेे बड़ी बाधा को जीडीए ने समाप्‍त कर दी है।

नजूल की भूमि से संबंधित मामलों में स्थिति स्पष्ट न करने से आवेदकों को होना पड़ता है परेशान

जीडीए में मानचित्र पास कराने के लिए आवेदन करने के बाद तहसील से एक एनओसी मांगी जाती है। आम तौर पर इस एनओसी लेने के पीछे उद्देश्य है कि जिस भूखंड पर निर्माण के लिए मानचित्र पास कराने के लिए आवेदन किया गया है वह नजूल की तो नहीं है। पर, तहसील में जब यह मामला जाता है तो आवेदक को कई बार चक्कर लगाना पड़ता है। एनओसी मिलती भी है तो उसमें नजूल की भूमि को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की जाती और संबंधित विभाग से संपर्क करने को कहा जाता है।

जीडीए में मानचित्र पास कराने के लिए तहसील से भी मंगानी होती है एनओसी

विकास कार्यों को लेकर शनिवार को आयुक्त सभागार में संपन्न अवस्थापना समिति की बैठक में जीडीए उपाध्यक्ष प्रेम रंजन स‍िंह ने यह मामला उठाया था। उन्होंने दो आवेदनों के उदाहरण भी दिए, जिसमें अधूरी एनओसी दी गई थी। इस तरह की कार्यप्रणाली पर सवाल भी उठे।

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