रक्षाबंधन पर्व पर 474 साल बाद बन रहा है महासंयोग
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :रक्षाबंधन का त्योहार इस बार 22 अगस्त रविवार को मनाया जाएगा। यह पर्व श्रवण नक्षत्र में मनाया जाता है, लेकिन इस बार यह सावन पूर्णिमा पर धनिष्ठा नक्षत्र में मनाया जाएगा। साथ ही इस बार शोभन योग भी इस त्योहार को खास बना रहा है। ज्योतिषाचार्यो का कहना है कि इस बार 474 साल बाद राखी पर महासंयोग बन रहा है। इसके अलावा रक्षाबंधन पर्व पर राजयोग भी आ रहा है।
पूरे दिन भाई को राखी बांध सकेंगी
राखी पर इस साल भद्रा का साया नहीं रहेगा। इसलिए बहनें पूरे दिन भाई को राखी बांध सकेंगी। इस दौरान कुंभ राशि में गुरु की चाल वक्री रहेगी और साथ ही चंद्रमा भी वहां मौजूद रहेंगे। गुरु और चंद्रमा की इस युति से रक्षाबंधन पर गजकेसरी योग बन रहा है। गजकेसरी योग मनुष्य की महत्वाकांक्षाएं पूरी करता है। धन, संपत्ति, मकान, वाहन जैसे सुखों की प्राप्ति होती है। गजकेसरी योग से राजसी सुख और समाज में मान सम्मान की भी प्राप्ति होती है।
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य विभोर इंदुसुत ने बताया कि इस बार रक्षाबंधन पर्व पर राखी बांधने का लिए 12 घंटे 13 मिनट की शुभ अवधि रहेगी। सुबह 5.50 से लेकर शाम 6.03 बजे तक किसी भी समय राखी बांधी जा सकती है। इस दिन शोभन योग सुबह 10.34 तक रहेगा और धनिष्ठा नक्षत्र शाम 7.40 मिनट तक रहेगा। माना जाता है कि धनिष्ठा नक्षत्र में पैदा होने वाले भाई बहन का रिश्ता आपस में खास होता है। इसलिए इस नक्षत्र को रक्षाबंधन पर्व पर महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
राखी के अवसर पर बाजारों में बहने और माताए खरीददारी करने निकली बाजारों मर उमड़ी रौनक।