उत्तर प्रदेशराज्य

लेक्चर के टापिक में संस्कृत को बताया मृत

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :लखनऊ विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग की ओर से गुरुवार को होने वाले व्याख्यान के टापिक के नाम में संस्कृत को मृत बताने को लेकर विवाद खड़ा हो गया। ट्वीटर से लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (लूटा) के वाट्सअप ग्रुप पर संस्कृत विभाग के शिक्षकों ने जमकर विरोध किया। यही नहीं, महाविद्यालय के एक शिक्षक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ट्वीट करके दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग कर दी। दोपहर में विवाद बढ़ता देख विभागाध्यक्ष ने कार्यक्रम ही स्थगित कर दिया। लविवि के अंग्रेजी विभाग की ओर से गुरुवार शाम साढ़े चार बजे से लेक्चर सीरिज के तहत आनलाइन व्याख्यान होना प्रस्तावित किया गया। इसका टापिक ‘द राइज आफ मार्डन वर्नाकुलर एंड डेथ आफ संस्कृत : रीडिंग ईश्वर चंद्र विद्यासागर’ रखा गया। टापिक में संस्कृत को डेथ करने पर सुबह से ही विवाद खड़ा हो गया।

लखनऊ विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग की ओर से गुरुवार को होने वाले व्याख्यान के टापिक के नाम में संस्कृत को मृत बताने को लेकर विवाद खड़ा हो गया

बाबा दौलत गिरी संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य आचार्य विनोद कुमार मिश्र ने ट्वीटर पर शिकायत दर्ज कराते हुए मुख्यमंत्री से दोषियों को दंडित करने की मांग की। कहा कि संस्कृत भाषा के प्रति ऐसी दूषित मानसिकता के लोगों पर कार्रवाई की जाए। लविवि के संस्कृत विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. अशोक कुमार शतपथी ने भी संस्कृत को मृत बताने का विरोध करते हुए कहा कि भारत के संविधान के अष्टम शेड्यूल में संस्कृत भाषा के रूप में विद्यमान है। उसकी मृत्यु की बात कैसे सोची गई। इस तरह की विचार का विरोध करते हैं। भारत की प्रतिष्ठता संस्कृति और संस्कृत भाषा है। इसी विभाग के डा. सत्यकेतु ने लूटा के ग्रुप पर इसका सख्त विरोध किया। मामला बढ़ता देख विभाग ने कार्यक्रम ही स्थगित कर दिया।

 

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