उत्तर प्रदेशराज्य

डॉ. शारदा की जान बचाने को डॉक्टर एकजुट

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के चिकित्सक अपने एक रेजिडेंट डॉक्टर को बचाने का हर संभव प्रयास करते दिख रहे हैं। वो डॉक्टर कोई और नहीं जूनियर रेजिडेंट पद पर तैनात डॉ. शारदा सुमन हैं। कोरोना काल में भी खुद की परवाह न करते हुए डॉ. शारदा मरीजों का इलाज करती रही। इस बीच वो खुद कोरोना की जद में आ गई। गंभीर संक्रमण के कारण डॉ. शारदा के फेफड़े खराब हो गए। फिलहाल उन्हें संस्थान में ही ईकमो मशीन यानी आर्टिफिशियल लंग्स व हार्ट मशीन पर रखा गया है।

                                                नवजात बच्चे के साथ डॉ शारदा सुमन

इस बीच लोहिया संस्थान की डायरेक्टर डॉ. सोनिया नित्यानंद और हाई लेवल चिकित्सकों की टीम ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर डॉ. शारदा के लंग्स ट्रांसप्लांट कराने मे मदद मांगी है। सीएम के रुख से चिकित्सकों को आस जगी है कि जल्द ही संस्थान के रेजिडेंट डॉक्टर को नई जिंदगी मिल सकेगी।

प्रेग्नेंट होने के बाद भी करती रहीं मरीजों का इलाज, खुद हुईंं संक्रमित
लोहिया संस्थान के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में डॉ. शारदा सुमन जूनियर रेजिडेंट के पद पर तैनात हैं। वह संस्थान से डीएनबी कोर्स भी कर रही हैं। हाल में ही उनकी शादी हुई थी। पति भी बतौर रेजिडेंट डॉक्टर ही कार्यरत हैं। प्रेग्नेंट होने के बाद भी डॉ. शारदा लगातार मरीजों का इलाज करती रही। उन्होंने मेडिकल लीव नहीं ली और कोरोना की लहर के बीच महिला इमरजेंसी में ड्यूटी करती रहीं। इस दौरान कई गर्भवती महिलाओं का प्रसव भी कराया। इसी बीच 12 अप्रैल को डॉ. शारदा को अचानक से बुखार आया और 14 अप्रैल की जांच में उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव निकली। पॉजिटिव आने के बाद डॉ. शारदा को सांस लेने में तकलीफ होने लगी। उन्हें लोहिया के कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां हालात बिगड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। एक मई को संस्थान के डॉक्टरों ने वेंटीलेटर पर भर्ती डॉ. शारदा सुमन की सफल डिलीवरी कराई। मगर डॉ.शारदा की हालत अभी भी गंभीर है।

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