ब्लैक फंगस का तीसरी लहर के बाद खतरा कम
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ब्लैक फंगस की मार झेल रहे हम भारतीयों के लिए अच्छी खबर है। तीसरी लहर से एहतियात के साथ हम निपटने में कामयाब रहे तो ब्लैक फंगस की मार नहीं झेलनी पड़ेगी। क्योंकि तीसरी लहर कोरोना की नहीं उसके वैरिएंट डेल्टा प्लस की होगी। इसके आधार पर चिकित्सा विज्ञानियों का दावा है कि तीसरी लहर के बाद पोस्ट कोविड मरीजों को ब्लैक फंगस से मुक्ति मिलेगी।
दरअसल, तीसरी लहर को लेकर तमाम तरह के वैज्ञानिक तर्क हैं। इसके तहत तीसरी लहर की संभावनाओं व दुष्परिणामों को लेकर चल रहे प्रयासों में यह बात भी सामने आई है कि कोविड 19 का 18 म्युटेंट डेल्टा प्लस घातक तो है, मगर इसके उबरने के बाद ब्लैक फंगस जैसी घातक बीमारियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। चिकित्सा वैज्ञानिकों ने इस ओर भी साफ संकेत दिए हैं कि तीसरी लहर से उबरने के बाद के हालात सामान्य स्थिति की ओर फिर से ले जा सकते हैं।
डॉक्टरों की मानें तो कोविड 19 में हुए म्युटेशन के बाद डेल्टा प्लस वैरिएंट सामने आया है, मगर इस बात के भी अनुमान सामने आए हैं कि इस डेल्टा वैरिएंट से उबरने के बाद शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी अधिक मजबूत होगी, जिसके चलते ब्लैक फंगस जैसी बीमारियां लोगों को चपेट में नहीं ले सकेंगी।
डेल्टा प्लस की तीसरी लहर का अगर हमने मजबूती से सामना किया तो इस बात में कतई संदेह नहीं कि ब्लैक फंगस जैसी बीमारियों से भी हम निजात पा जाएं। ऐसे में इस ओर प्रयास होना चाहिए कि तीसरी लहर से निपटने के लिए हमें एक्सटेंडेड प्रोटोकॉल का पालन हर हाल में करना होगा।