तय समय में पूरा होगा राम मंदिर निर्माण
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :अयोध्या में श्री राम मंदिर के लिए संघर्ष सदियों पुराना है। 19 नवंबर, 2019 को रामलला के हक में सुप्रीम फैसला आने के साथ इस संघर्ष का पटाक्षेप तो हुआ, पर बाधाएं इसके बाद भी आ रही हैं। मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूमि पूजन गत वर्ष पांच अगस्त को ही किया, किंतु श्रीराम जन्मभूमि की भराव एवं बालू से युक्त सतह के चलते नींव की डिजाइन अंतिम रूप से तय होने में पांच माह से अधिक का वक्त लगा और सही अर्थों में मंदिर निर्माण इसी वर्ष 15 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर शुरू हो सका।
राम मंदिर निर्माण के लिए चार सौ फीट लंबे, तीन सौ चौड़े एवं 50 मीटर गहरे भूक्षेत्र में नींव खनन का काम पूरे दो माह तक चला और खनन पूर्ण होते ही नींव की भराई का काम भी शुरू हो गया। काम आगे बढ़ने के साथ इसकी तीव्रता भी सुनिश्चित होती गई। पत्थर की गिट्टी, पत्थर का ही चूर्ण और पत्थर के कोयले की राख से तैयार अति मजबूत मिश्रण से नींव की कुल 44 परत तैयार होनी है। अब तक नींव की आठ परत तैयार हो चुकी हैं। शुरू में नींव भरे जाने की गति कुछ मंद थी, तो इसी माह से नींव भरे जाने का काम दो शिफ्ट में सुनिश्चित कर दिया गया।