यूपी में सामने आया अजब मामला
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा की एक चर्चित सोसायटी में कोरोना रोधी टीकाकरण के नाम पर 187 लोगों से धोखाधड़ी का अजीब मामला सामने आया है। परी चौक के पास स्थित चर्चित सोसायटी जेपी ग्रीन्स में 187 लोगों को अलीगढ़ के नारंगाबाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए निर्धारित कोरोना के टीके की वैक्सीन लगा दी गई। इस धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ, जब लोग वैक्सीन का सर्टिफिकेट डाउनलोड करने लगे। लोगों ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन से की। इसके बाद मामले पर संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी सुभाष एलवाई ने एसडीएम प्रसून द्विवेदी सीएम और सीएमओ डॉ. दीपक ओहरी के नेतृत्व में जांच बैठा दी है। इसके साथ ही जिला प्रशासन ने ग्रेटर नोएडा के बीटा दो थाने में मुकदमा भी दर्ज करवा दिया है। उधर, ग्रेटर नोएडा में ये मामला प्रकाश में आने पर अलीगढ़ में भी स्वास्थ्य विभाग ने आधा दर्जन स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
आरोप है कि ग्रेटर नोएडा की जेपी ग्रींस सोसाइटी में टीकाकरण तो मुफ्त हुआ, लेकिन लाभार्थियों को दिए प्रमाण-पत्र में टीकाकरण केंद्र का नाम नौरंगाबाद अर्बन पीएचसी, अलीगढ़ अंकित है। अब आशंका जताई जा रही है कि अलीगढ़ को आवंटित वैक्सीन नोएडा पहुंचा दी गई।
डीसीपी ग्रेटर नोएडा राजेश कुमार सिंह की तरफ से एडीसीपी, एसीपी, इंस्पेक्टर को पत्र लिखकर मामले की कार्रवाई में तेजी लाने के लिए कहा गया है। डीसीपी की तरफ से लिखे गए पत्र में कहा गया है कि जो भी लोग इस अवैध टीकाकरण में शामिल हैं, उनके नाम जल्द उजागर किए जाएं। अब तक जो नाम प्रकाश में आए हैं, उनकी धर-पकड़ के लिए दबिश दी जाए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी की तहरीर पर दर्ज मुकदमे की जांच के दौरान पुलिस टीका लगवाने वाले लोगों के बयान दर्ज करेगी।
इनके खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
शुभ गौतम, अनिल गुप्ता, अजय कुमार, बीना सिंह, शुभि व अन्य निवासीगण जेपी ग्रींस
उधर, मामले के सामने आते ही अलीगढ़ में भी सीएमओ ने जांच शुरू करा दी। निरीक्षण के दौरान कोल्ड चेन व कोविड वैक्सीन से संबंधित अभिलेखों के रखरखाव में गड़बड़ी मिलने पर स्टाफ नर्स पुष्पा को अवकाश पर भेज दिया गया है। प्रभारी चिकित्साधिकारी, फार्मासिस्ट व अन्य कíमयों को सीएमओ कार्यालय तलब करके बयान दर्ज किए गए।
ग्रेटर नोएडा के जेपी ग्रींस सोसायटी में हुए टीकाकरण के फर्जीवाड़े मामले में जांच टीम अब आयोजकों के अलीगढ़ कनेक्शन की तलाश में जुटी है। आयोजकों से पूछताछ हो रही कि अलीगढ़ के सरकारी अस्पताल को अलॉट कोविशील्ड टीके को गौतमबुद्धनगर लाने में किस-किस का सहयोग रहा है। जांच टीम को अलीगढ़ की स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ ही कुछ रसूखदार लोगों पर भी मिलीभगत का शक है। सीएमओ डॉ. दीपक ओहरी ने बताया कि फिलहाल कई बिंदुओं पर जानकारी जुटाई जा रही है।