विदेशी एयरपोर्ट की तर्ज बन बनेगा इंफ्रास्ट्रक्चर
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) ने 556.8 करोड़ रुपए के पुनर्विकास प्रोजेक्ट के लिए देश के कई निजी डेवलपर्स के साथ प्री-बिड मीटिंग नौ अप्रैल को आयोजित की थी । अब रुचि लेने वाली कंपनियों से रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन (आरएफक्यू) को 24 जून तक जमा करने को कहा है। जिसके बाद पीपीपी मॉडल पर विकास करने के लिए कम्पनी का चयन हो जाएगा।
चारबाग रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास में 12.23 एकड़ कमर्शियल भूखंड के साथ चारबाग़ और लखनऊ जंक्शन का विकास होगा। इस प्रोजेक्ट में लगी नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन (एनबीसीसी) के पीछे हटने के बाद प्रोजेक्ट पर संकट छा गया था। हालांकि। आरएलडीए ने नए सिरे से तैयारी की। अब स्टेशन को 556.8 करोड़ रुपये की कुल लागत से डिजाइन-बिल्ड-ऑपरेट-फाइनेंस-ट्रांसफर (डीबीएफओटी) मॉडल पर दो चरणों में पुनर्विकसित किया जाएगा। एयर-कॉनकोर्स, फुट-ओवर ब्रिज, लिफ्ट और एस्केलेटर व दिव्यांग यात्रियों के अनुकूल सुविधाएं आदि शामिल हैं। पहले चरण का पुनर्विकास तीन वर्षों में होगा जिसपर 442.5 करोड़ रुपये की लागत आएगी। जबकि दूसरे चरण में दो वर्षों में 114.3 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
रेल भूमि विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष वेद प्रकाश डुडेजा ने बताया कि लखनऊ उत्तर भारत के सबसे तेजी से बढ़ते शहरों में से एक है। शहर कई मैन्युफैक्चरिंग और प्रोसेसिंग यूनिट्स का गढ़ है साथ ही संस्थानों का एक मजबूत प्रशासनिक, बैंकिंग और वित्तीय नेटवर्क है। लखनऊ रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास से पर्यटन क्षमता में वृद्धि होगी और रोजगार सृजन को भी बढ़ावा मिलेगा। यह आसपास के क्षेत्र में रियल एस्टेट को भी बढ़ावा देगा। स्टेशन के डिजाइन में ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट को शामिल किया जाएगा। वहीं, मौजूदा भव्य स्टेशन भवन के हेरिटेज स्वरूप को भी बरकरार रखा जाएगा। चयनित कम्पनी स्थानीय निकाय को टैक्स, जांच शुल्क, बुनियादी ढांचे के शुल्क और अन्य सेस और टैक्स के भुगतान के लिए भी जिम्मेदार होगी।