CMO की गाड़ी के आगे लेटा बेटा
स्वतंत्रदेश,लखनऊ : राजधानी के कोविड मरीजों की भर्ती व इलाज की क्या दुर्दशा है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सोमवार को एक बेटा मां को इलाज नहीं मिलने से सीएम डा. संजय भटनागर की गाड़ी के आगे लेट गया। दरअसल मरीज सुबह से अपनी मां को कोविड कंट्रोल रूम के बाहर दिन भर लेकर खड़ा रहा। मगर किसी भी अस्पताल में भर्ती के लिए उसका अप्रूवल नहीं बनाया जा रहा था। सीएमओ संजय भटनागर के पहुंचने पर उसने अपनी मां के इलाज की बिनती की, लेकिन उसकी बात को अनसुना कर सीएमओ अपनी कार में बैठकर वहां से जाने लगे। इसके बाद वह व्यक्ति उनकी कार के आगे लेट गया। बावजूद सीएमओ अपनी कार से नीचे नहीं उतर रहे थे। जब व्यक्ति नहीं हटा तो आखिरकार सीएमओ को कार से नीचे उतरना पड़ा। फिर उन्होंने उसकी मां को भर्ती करवाने के लिए अनुमति पत्र बनवाया।
यह कहने में अब कहीं कतई गुरेज नहीं है कि लखनऊ के हालात बद से बदतर हो गए। हर तरफ तड़प और पीड़ा ही दिखाई दे रहे हैं। अस्पताल में बेड न मिलने से लोग असमय काल के गाल में समा रहे हैं। हालात यह है कि हर गली-मोहल्ले में मातम है।
बेड नहीं मिला, पति-पत्नी की उखड़ी सांस: त्रिवेणी नगर के लखन गुप्ता व्यवसायी हैं। पत्नी, बेटा समेत तीनों लोग संक्रमण की चपेट में आ गए। कई दिनों तक सीएमओ कार्यालय और कोविड कमांड सेंटर में फोन कर बेड की गुहार लगाते रहे। कहीं सुनवाई नहीं हुई। हारकर घर पर ऑक्सीजन सिलेंडर लाकर लगाया। समय पर इलाज न मिलने से पति-पत्नी की कोरोना से मौत हो गई। बेटा अभी घर पर ही ऑक्सीजन सपोर्ट पर है। पत्नी बेसुध, दाह संस्कार फंसाविजय नगर निवासी राहुल कोरोना पॉजिटिव हो गए। उन्हें एक निजी अस्पताल में आईसीयू में भर्ती कराया गया। वहीं रविवार दोपहर बाद उनके पिता पदमकान्त की सांस फूलने लगी। इसके बाद घर पर ही उनकी मौत हो गई। राहुल की मां भी बीमार हैं। जबकि पिता का शव 24 घण्टे से घर पर पड़ा है। उनका दाहसंस्कार नहीं हो पा रहा है। उधर सीएमओ कार्यालय व नगर निगम एक-दुसरे पर पल्ला झाड़ रहे हैं।