उत्तर प्रदेशराज्य

यूपी में LSD वायरस ने पसारे पैर

स्वतंत्रेश.लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना काल में एक ओर जब लोग घरों में कैद रहे और सलामती की दुआएं करते रहे, उसी काल में दुधारू मवेशियों में होने वाली जान लेवा बीमारी ने दस्तक दे दी है। दक्षिण-भारत में पाई जाने वाली लम्पी स्किन डिजीज (एलएसडी) नामक बीमारी प्रदेश के सोनभद्र, मीरजापुर व वाराणसी में अपने पैर पसार चुकी है।

उत्तर प्रदेश में दक्षिण भारत की खतरनाक बीमारी का अटैक जारी अलर्ट। वायरस दुधारू मवेशियों पर करता है अटैक।

भोपाल भेजे गए सैंपल में बीमारी की पुष्टि के बाद अब पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया गया है। पशुपालन विभाग की ओर से जिले के मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों को पैनी नजर रखने और टीकाकरण करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

दुधारू मवेशियों को खतरा: गाय व बकरी के साथ ही अन्य दुधारू मवेशियों में बीमारी पाई जाती है। संक्रमित मवेशी से बीमारी दूसरों में फैलने से रोकने के लिए स्वस्थ्य मवेशियों में टीका लगाया जाता है। फिलहाल तीन जिलों में टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। वहां दोबारा ऐसे लक्षण नहीं मिले हैं।

मवेशियों में एलएसडी के लक्षण: गाय व बकरी में मिले लक्षणों के आधार पर एलएसडी बीमारी का पता लगाया जा सकता है। पशु चिकित्सक बताते हैं कि इस बीमारी में मवेशियों के आंखों के चारों तरफ छोटे-छोटे दाने हो जाते हैं। इस शुरुआती लक्षण के साथ ही रोकथाम नहीं की गई तो यह बीमारी धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल जाती है। दानों से मवाद आने लगता है और मवेशी कमजोर होकर दूध देना बंद कर देता है। समय से इलाज न मिलने पर बीमारी की वजह से दुग्ध उत्पादन में भी 15 से 30 फीसद तक की कमी हो जाती है। टीकाकरण से बीमारी को दूसरे मवेशियों में फैलने से रोका जा सकता है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकाधिकारियों को जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं।

पशुपालन विभाग (रोग नियंत्रण) निदेशक डॉ.आरपी सिंह कहते हैं कि चार महीने पहले बीमारी प्रदेश में आई है जिसकी पड़ताल कर टीकाकरण शुरू कर दिया गया है। अब वहां समाप्त हो गया है। सूबे के सभी जिलों में अलर्ट कर दिया गया है। पशुपालकों को लक्षण दिखे तो वह नजदीकी पशु सेवा केंद्र व पशु चिकित्सालय से संपर्क कर सूचना दे सकते हैं।

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