उत्तर प्रदेशराज्य

सजेती कांड: एफआईआर से हटेगा दरोगा का नाम

स्वतंत्रदेश,लखनऊ:दुष्कर्म पीड़िता के पिता की मौत के मामले में दरोगा पर दर्ज हत्या के केस में पुलिस की जांच पूरी हो गई है। ट्रक बरामदगी के बाद पुलिस के पास पुख्ता साक्ष्य हैं कि उनकी मौत में दरोगा देवेंद्र सिंह यादव की कोई भूमिका नहीं है। लिहाजा लिखापढ़ी के बाद उनका नाम एफआईआर से बाहर कर दिया जाएगा।

             घाटमपुर सामूहिक दुष्कर्म का मामला, ट्रक बरामद 

मामला अब हत्या के बजाय सड़क हादसे की धाराओं में तरमीम कर दिया गया है। यह केस सिर्फ ट्रक चालक व क्लीनर पर चलेगा। पहले आरोपों के आधार पर देवेंद्र, एक दुष्कर्म आरोपी व एक अज्ञात पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज हुई थी।

बताते चलें कि सजेती के एक गांव में आठ मार्च को 13 वर्षीय किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। दूसरे दिन शाम को दरोगा पुत्रों समेत तीन पर एफआईआर दर्ज हुई थी। दस तारीख की सुबह घाटमपुर सीएचसी के सामने कानपुर सागर हाईवे पर पीड़िता के पिता की ट्रक से कुचलकर मौत हो गई थी।

निलंबित पुलिसकर्मियों के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य
सजेती कांड में डीआईजी ने दो दरोगाओं समेत तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया था। एक महिला सिपाही को लाइन हाजिर किया था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक सजेती हलका इंचार्ज अब्दुल कलाम व दो सिपाहियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं, जिससे साबित हुआ है कि उन्होंने मामले में लापरवाही बरती है। घाटमपुर चौकी इंचार्ज की भूमिका गड़बड़ नहीं मिली है। ऐसे में वे बच सकते हैं। एक-दो दिन में एसपी ग्रामीण जांच पूरी कर रिपोर्ट डीआईजी को सौंपेंगे।

आज दर्ज होंगे पीड़िता के बयान
सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के बयान पुलिस दर्ज कर चुकी है। पुलिस अफसरों के मुताबिक सोमवार को पीड़िता के मजिस्ट्रेटी बयान दर्ज कराए जाएंगे। उसके बाद आगे की कार्रवाई पूरी कर एक सप्ताह के भीतर चार्जशीट लगाई जाएगी।

 

 

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