पांच मीटर चौड़ी बनेंगी गांव की सड़कें
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की सहूलियत के लिए बड़ा निर्णय लिया है। अब दूर-दराज गांव तक जाने वाली सड़कों की न्यूनतम चौड़ाई पांच मीटर होगी। लोक निर्माण विभाग अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र तीन मीटर चौड़ाई की ही सड़कें बनाता रहा है। विभाग द्वारा 250 से अधिक आबादी वाले तकरीबन छह हजार गांवों को चरणबद्ध तरीके से पक्के संपर्क मार्गों से जोड़ा जाएगा।
उत्तर प्रदेश में लोक निर्माण विभाग की लगभग 2.50 लाख किलोमीटर ग्रामीण सड़कें हैं। विभाग द्वारा अब तक ग्रामीण क्षेत्र में तीन मीटर चौड़ाई की ही सड़कें बनाई जाती रही हैं। चूंकि समय के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी संपन्नता आई है जिससे गांवों में चार पहिया निजी वाहनों का तेजी से आवागमन बढ़ता जा रहा है। इसको देखते हुए लोक निर्माण विभाग ने अब तीन मीटर के बजाय पांच मीटर चौड़ी सड़कें बनाने का निर्णय किया है।
उप मुख्यमंत्री के साथ ही लोक निर्माण विभाग का दायित्व संभाल रहे केशव प्रसाद मौर्य बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों का शहरों-कस्बों से आवागमन अब बढ़ गया है। इन क्षेत्रों में ट्रैक्टर व अन्य वाहनों की भी संख्या बढ़ी है। ऐसे में सड़कों की चौड़ाई कम होने से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता था। इसे देखते हुए ही सड़कों की चौड़ाई इतना करने का निर्णय लिया गया कि मुख्य मार्ग तक कहीं भी गाड़ियों के पास होने में दिक्कत न होने पाए। चरणबद्ध तरीके से यह कार्य किया जाएगा। पांच मीटर चौड़ाई के साथ ही दोनों तरफ पटरी भी रहेगी।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि ब्लाक मुख्यालयों को जोड़ने वाली सड़कें सात मीटर और ब्लाक को तहसील से जोड़ने वाले मार्गों की सड़कें अब 10 मीटर चौड़ी बनाई जा रही हैं। पिछले चार वर्षों के दौरान विभाग द्वारा लगभग 12,485 किलोमीटर ग्रामीण मार्गों का निर्माण कराया गया है। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि 1570 करोड़ रुपये से सभी ब्लाक मुख्यालयों को दो लेन से जोड़ने के अलावा 387 करोड़ रुपये से तहसील मुख्यालयों को दो लेन मार्ग से जोड़ने के कार्य किए जा रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि लगभग 13,384 किलोमीटर लंबाई के मार्गों का चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण किया गया है। प्रतिदिन औसतन 10 किलोमीटर सड़क को चौड़ा और नौ किलोमीटर का नवनिर्माण कराया जा रहा है। रास्ते में पड़ने वाले छोटे-बड़े 413 सेतुओं का निर्माण भी तेजी से किया जा रहा है, जिससे प्रत्येक तीन दिन में एक सेतु बनकर तैयार हो रहा है।