मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा-कमियों के परिमार्जन का अवसर देती हैं श्रद्धांजलि सभाएं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि श्रद्धांजलि सभाएं हमें केवल पूर्वजों के स्मरण करने का ही नहीं बल्कि उनके आदर्शों पर चलने की प्रेरणा भी देती हैं। यह वह अवसर होता है जब हम अपनी कमियों का मूल्यांकन करें और महंत दिग्विजयनाथ जैसे महापुरुषों के आदर्शों को आत्मसात कर उन कमियों का परिमार्जन करें। मुख्यमंत्री शनिवार को गोरखनाथ मंदिर के दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में आयोजित महंत दिग्विजयनाथ की श्रद्धांजलि सभा को संबोधित कर रहे थे।
महंत दिग्विजयनाथ व महंत अवेद्यनाथ के पुण्यतिथि समारोह के छठे दिन आयोजित श्रद्धांजलि सभा में उन्होंने आगे कहा कि गोरक्षपीठ के संतों ने गोरखनाथ मंदिर और महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद को लेकर क्या संकल्पना की थी, बीते वर्षों में हम उनकी संकल्पना पर कितना खरा उतर सके और कहां सफलता से वंचित रह गए हैं, इसपर चिंतन बेहद जरूरी है। ताकि हम नई ऊचांइयों को प्राप्त करने के मार्ग में आ रही बाधाओं को दूर करके लोकमंगल का कारक बन सकें। मुख्यमंत्री ने ऐसा करने के लिए सामूहिक प्रयास पर बल दिया।
खुद को आदर्श व प्रेरणा के केंद्र के रूप में प्रस्तुत करना होगा
उन्होंने कहा कि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को आगे बढ़ाते हुए हमें समाज के लोकमंगल के लिए खुद को आदर्श व प्रेरणा के केंद्र के रूप में प्रस्तुत करना होगा। इसे लेकर ही पहले महंत दिग्विजयनाथ और फिर उनके शिष्य महंत अवेद्यनाथ आगे बढ़े और लोगों को सत्कर्म और कर्तव्य के लिए आजीवन प्रेरित करते रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम महंतद्वय के व्यक्तित्व व कृतित्व का अवलोकन करते हैं तो पाते हैं कि उन्होंने बिना किसी भेदभाव के भारतीय संस्कृति और राष्ट्रहित के लिए खुद को समर्पित कर दिया था।
ऐसा करने के लिए हमें भी संकल्पित होना होगा और मानवता की सेवा के लिए स्वतःस्फूर्त प्रेरणा से आगे आना होगा। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के प्राचार्यों और शिक्षकों से उन्होंने अपील की कि वह अपने कार्य को विशिष्ट बनाएं, जिससे संस्था और समाज दोनों के लिए मानक बन सकें। कोरोना संक्रमण काल में उन्होंने मानवता की सेवा के लिए सभी का आह्वान किया। सभा के दौरान उन्होंने महंत दिग्विजयनाथ और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री ने लिया सभी गुरुओं का आशीर्वाद
महंत दिग्विजयनाथ की श्रद्धांजलि सभा में हिस्सा लेने के लिए शनिवार को गोरखनाथ मंदिर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिसर में पहुंचते ही सबसे पहले गुरु गोरक्षनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई। उन्होंने श्रीनाथजी की पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। इसी क्रम में वह बारी-बारी से ब्रह्मलीन महंत ब्रह्मनाथ, नौमीनाथ, गंभीरनाथ, दिग्विजयनाथ और अपने गुरु महंत अवेद्यनाथ के समाधिस्थल पर गए और उनकी आराधना कर आशीर्वाद लिया।