उत्तर प्रदेशराज्य

आरोपित रामू की जमानत अर्जी खारिज

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :उत्तर प्रदेश सरकार की काफी दिन किरकिरी कराने वाले हाथरस के बूलगढ़ी गांव में दलित युवती के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म तथा मौत के मामले में चार आरोपितों में से एक रामू को एससी-एसटी कोर्ट ने राहत नहीं दी है। इस केस में सीबीआइ के चार्जशीट दाखिल करने के बाद हाथरस के विशेष कोर्ट में सुनवाई चल रही है। आरोपित रामू की जमानत अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया था।

हाथरस के बूलगढ़ी गांव में दलित युवती के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म तथा मौत के मामले में चार आरोपितों में से एक रामू को एससी-एसटी कोर्ट ने राहत नहीं दी है।

हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र के बूलगढ़ी कांड के आरोपित रामकुमार उर्फ रामू की जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। यहां शुक्रवार को विशेष न्यायालय एससी-एसटी एक्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था।

हाथरस के बूलगढ़ी कांड में एक आरोपित रामकुमार उर्फ रामू की जमानत अर्जी पर विशेष न्यायालय एससी-एसटी एक्ट में शुक्रवार को सुनवाई की गई। केस के एक आरोपित पक्ष के अधिवक्ता मुन्ना सिंह पुंढीर की ओर से आठ जनवरी को जमानत अर्जी कोर्ट में दाखिल की गई थी। सुनवाई के दौरान चारों आरोपित रामू, संदीप, रवि और लवकुश को जेल से कोर्ट लाया गया। सीबीआई की जांच अधिकारी सीमा पाहूजा और उनके अधिवक्ता भी कोर्ट में मौजूद थे।

हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र के बूलगढ़ी गांव में दलित युवती के साथ 24 सितंबर को हुई वारदात के मामले में सीबीआई जांच कर रही थी। 18 दिसम्बर को सीबीआई ने मामले में संदीप, रामू, रवि और लवकुश को गैंगरेप का दोषी मानते हुए अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया।

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