गुरुद्वारा सदर में दो दिवसीय चित्र प्रदर्शनी कल से
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :गुरु गोविंद सिंह के चार साहिबजादों और माता गुजरी की जीवन की दास्तां को चित्रों के माध्यम से दिखाने का प्रयास किया जाएगा। गुरुद्वारा सदर में ऐसे चित्रों की दो दिवसीय प्रदर्शनी 27 दिसंबर से शुरू होगी। गुरुद्वारे के अध्यक्ष हरपाल सिंह जग्गी ने बताय कि सुबह आठ बजे विशेष दीवान व लंगर लगाया जाएगा।
मुख्य ग्रंथी ज्ञानी हरविंदर सिंह साहिबजादों की जीवनी पर प्रकाश डालेंगे। 22 दिसंबर 1704 को गुरु गोविंद साहिब के बड़े साहिबजादे अजीत सिंह और फिर जुझार सिंह शहीद हुए। 27 दिसंबर 1704 में गुरुगोविंद सिंह के दो साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह को इस्लाम धर्म कबूल न करने पर सरहिंद के नवाब ने दीवार में जिंदा चुनवा दिया। साहिबजादों के शहीद होने की ख़बर पर माता गुजरी ने देह त्याग दिया।
लंगर के साथ शहीदी दिवस का समापन हुआ। पूरी दास्तां को चित्रों के माध्मय से बताने का प्रयास किया जाएगा। वहीं गुरुद्वारा यहियागंज के सचिव मनमोहन सिंह हैप्पी ने बताया कि 27 गुरुद्वारा यहियागंज में श्री गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादों पर आधारित फिल्म का प्रदर्शन होगा और 28 को शाम सात से रात 11 बजे तक मनाया जाएगा। पटियाला से भाई जसकरन सिंह जी विशेष रूप से पधार रहे हैं।
गरीबों के दर लगेगा लंगर
गुरुद्वारा सदर में पहली बार गुरुद्वारे के लंगर को गरीबों क दर लेजाकर लगाने की शुरुआत हुई। कोरोना संक्रमण काल में पैकेटबंद लंगर गरीबों की बस्ती में जाकर वितरित किया जाता है। गुरु के शहीदी दिवस पर इस परंपरा का निर्वहन होता है। गुरुद्वारे के महामंत्री परमजीत सिंह लाली ने बताया कि गुरु की इस परंपरा का निर्वहन करने में कमेटी के साथ सिख समाज के लोग भी शिरकत करते हैं।