उत्तर प्रदेशराज्य

रोका गया दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का काफिला

स्वतंत्रदेश ,लखनऊ :दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया मंगलवार को एक दिन के लखनऊ दौरे पर हैं। दिल्ली व उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था के साथ अन्य कार्य पर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री के बहस करने दिन में पहुंचे मनीष सिसोदिया को गांधी भवन में इंतजार करना पड़ा। योगी आदित्यनाथ सरकार के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ के बहस में शामिल न होने के बाद सिसोदिया वहां से लखनऊ में प्राइमरी स्कूल का निरीक्षण करने के लिए निकले। उनका काफिला रायबरेली रोड पर उतरेटिया में रोक दिया गया।

पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर काफिला रोकने से सिसोदिया काफी नाराज भी दिखे। संजय गांधी पीजीआई से पहले पुलिस ने जब उनका काफिला रोका तो मनीष सिसोदिया ने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर से इस बाबत वार्ता भी की।

पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर काफिला रोकने से सिसोदिया काफी नाराज भी दिखे। संजय गांधी पीजीआई से पहले पुलिस ने जब उनका काफिला रोका तो मनीष सिसोदिया ने लखनऊ के पुलिस कमिश्नर से इस बाबत वार्ता भी की। पुलिस कमिश्नर ने लखनऊ में उनके एक की कार्यक्रम की अनुमति लेने का हवाला दिया।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह तो बेहद ही शर्मनाक है कि आज जब हम सरकारी स्कूल का निरीक्षण करने जा रहे थे तो हमको रोका गया। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार तो दमन पर उतर आई है। हमको यहां रोका जा रहा है, अगर सीएम योगी आदित्यनाथ दिल्ली आएं तो वह किसी भी स्कूल, बिजली घर या फिर अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए स्वतंत्र हैं।

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्री बीते चार वर्ष से सिर्फ घूम ही रहे हैं। अब सिर्फ एक वर्ष का समय बचा है, अगर एक वर्ष में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ या उनके मंत्री मेहनत करें तो प्रदेश की हालत की हकीकत जान लेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार भी दिल्ली की केजरीवाल मॉडल सरकार की तरह काम करने का प्रयास करे। उत्तर प्रदेश में भी फ्री बिजली, पानी तथा शिक्षा दी जा सकती है। सरकार को इस पर काम करना होगा, लेकिन समय बेहद कम है।

सिसोदिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने दिल्ली की आबादी तथा उत्तर प्रदेश के स्कूली बच्चों की संख्या की तुलना की थी। अब प्रदेश की यही आबादी योगी आदित्यनाथ सरकार को बाहर करने केजरीवाल मॉडल की सरकार बनाने को बेताब है। यहां की सरकार एक्सपोज होने से डर रही है। इसी कारण जगह-जगह पर बंदिश लगाई जाती है। स्कूल बदहाल हैं तो अस्पतालों की हालत दयनीय है। बिजली की तमाम कंपनियों ने तो उत्तर प्रदेश में काम करने से अपने हाथ पीछे खींचे हैं। यहां की जनता बिजली का बिल देती है और लोगों को आठ घंटा भी बिजली नहीं मिलती है।

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