उत्तर प्रदेशलखनऊ

निक स्कूल में एडमिशन के लिए बढ़ा बेटियों का क्रेज

स्वतंत्रदेश,लखनऊ :सशस्त्र सेनाओं में अफसर बनने का सपना देखने वाली किसान सहित गरीब परिवार की बेटियों के लिए इस बार कैप्टन मनोज पांडेय यूपी सैनिक स्कूल में एडमिशन लेना सबसे बड़ा सपना बन गया है। देश के पहले इस स्कूल में कक्षा नौ में प्रवेश लेने के लिए 1120 बेटियों ने आवेदन किया है। हालांकि कठिन लिखित परीक्षा, मनोवैज्ञानिक टेस्ट और मेडिकल की प्रक्रिया में सफल होने के बाद मेरिट के आधार पर 15 बेटियों का चयन हो सकेगा।

सेना में स्थायी कमीशंड के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का दिखने लगा असर। इस साल कोविड-19 के बावजूद कैप्टन मनोज पांडेय यूपी सैनिक स्कूल में बालकों और बालिकाओं के एडमिशन के लिए रिकॉर्ड 6643 आवेदन आए हैं।

इस साल कोविड-19 के बावजूद कैप्टन मनोज पांडेय यूपी सैनिक स्कूल में बालकों और बालिकाओं के एडमिशन के लिए रिकॉर्ड 6643 आवेदन आए हैं। अब तक यहां पांच हजार से 5500 आवेदन होते थे। यूपी सैनिक स्कूल सन 1960 में स्थापित किया गया था। यह उस समय देश का पहला सैनिक स्कूल था। जिसकी स्थापना तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. संपूर्णानंद ने किसानों और गरीबों के बच्चों को सेना में अफसर बनाने का अवसर देने के लिए की थी। इसके बाद ही देश के अन्य सैनिक स्कूलों की स्थापना रक्षा मंत्रालय ने की थी। इतना ही नहीं देश में पहली बार बेटियों के कक्षा नौ में प्रवेश के लिए एडमिशन कैप्टन मनोज पांडेय यूपी सैनिक स्कूल ने ही शुरू किया था। इस साल सुप्रीम कोर्ट ने महिला सैन्य अफसरों को स्थायी कमीशंड प्रदान करने का आदेश दिया था। जिसका असर इस बार यूपी सैनिक स्कूल में एडमिशन पर भी दिख रहा है। एक तरफ 15 सीटों के लिए कक्षा नौ में 1119 बेटियों ने फार्म भरा है। वहीं कक्षा सात की 60 सीटों के लिए 3488 बालकों ने आवेदन किया है।

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