टेस्टिंग के दौरान 2 से 4 इंच धसे स्तंभ-अयोध्या में राम मंदिर
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण जारी है। लेकिन, मंदिर की नींव की सतह पर 200 फीट नीचे पीली मिट्टी न होकर रेत मिली है। इसका खुलासा मिट्टी की जांच में हुआ है। मनमाफिक नींव की सतह न मिलने के कारण पाइलिंग टेस्ट के दौरान पिलर जब भार डाला गया तो वह दो से पांच इंच नीचे धस गया। अब बालू के कारण मंदिर की मजबूती को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
IIT दिल्ली के पूर्व निदेशक वीएस राजू की अध्यक्षता में गठित 8 टॉप इंजीनियर और कंस्ट्रक्शन एक्सपर्ट मंदिर की नींव से जुड़े कामों पर अपनी नजर बनाए हुए हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि इंजीनियर की कमेटी की रिपोर्ट पर मंथन के आधार पर ही नए सिरे से मंदिर निर्माण के फाउंडेशन की शुरुआत होगी। अनिल मिश्र ने बताया कि एक्सपर्ट की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जाएगी। यह रिपोर्ट मंदिर निर्माण समिति और ट्रस्ट के बीच रहेगी।
डिजाइन में नहीं हुआ परिवर्तन तो 20 दिन बाद शुरू होगा नींव निर्माण
मंदिर के प्रमुख आर्किटेक्ट निखिल सोमपुरा भी नींव निर्माण लेकर तैयार हैं। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट मिलने के बाद अगर एलएंडटी (L&T) ने मंदिर की नींव की डिजाइन में कोई परिवर्तन नहीं किया तो 20 दिनों के अंदर स्तंभों का निर्माण शुरू हो जाएगा। नींव की डिजाइन में परिवर्तन किया गया तो उसी के हिसाब से हमें मंदिर की आर्किटेक्ट डिजाइन में भी परिवर्तन करना पड़ेगा
लोड टेस्टिंग पर चल रहा रिसर्च
एक हफ्ते पहले अयोध्या में हुई मंदिर निर्माण समिति की बैठक में निखिल सोमपुरा की कंपनी के प्रतिनिधि के तौर पर उनके छोटे भाई आशीष सोमपुरा भी शामिल हुए थे। तब भी मंदिर स्थल के 200 फीट नीचे मिली बालू की लेयर को लेकर मुद्दा उठा था। सोमपुरा ने बताया कि उनकी कंपनी 100 के करीब मंदिरों का निर्माण कर चुकी है। जिसमें नींव से लेकर मंदिर का शिखर तक बनाने का काम उन्हीं की कंपनी ने किया है।