आगरा मेट्रो परियोजना पर विवाद
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :आगरा में न्यायालय सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में रंगजी विराजमान मंदिर ट्रस्ट, वृंदावन की ओर से जिलाधिकारी, मंडलायुक्त, पीएसी कमांडेंट और उत्तर प्रदेश मेट्रो कॉरपोरेशन के विरुद्ध वाद दाखिल किया गया है। इसे पूर्व एमएलसी एडवोकेट बच्चू बाबू ने दायर किया है। अदालत ने सुनवाई के लिए 21 दिसंबर की तारीख मुकर्रर की है।
दाखिल वाद में कहा गया है कि पीएसी मैदान की भूमि के मालिक रंगजी महाराज ही हैं और राज्य सरकार और उत्तर प्रदेश मेट्रो कॉरपोरेशन को किसी भी प्रकार से इस भूमि पर कोई निर्माण कार्य बिना उनकी अनुमति के करने का अधिकार नहीं है।
पीएसी ने मंदिर की भूमि अपनी बताकर दर्ज कर ली है, जबकि आठ अगस्त 1990 को ही एडीशनल कलक्टर ने यह पाया था कि पीएसी का यह कृत्य अनुचित है। मंदिर की बिना अनुमति के अब उत्तर प्रदेश मेट्रो कॉरपोरेशन मंदिर की भूमि पर प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर तोड़फोड़ कर रहा है, जोकि अनुचित है। न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए 21 दिसंबर की तारीख तय की है।
पीएसी मैदान में बनेगा डिपो
पीएसी ग्राउंड पर आगरा मेट्रो का डिपो बनना है। सात दिसंबर को यहां मेट्रो प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी गई। इसके बाद मेट्रो प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य शुरू हो गया। पहले कॉरिडोर के लिए दो साल में छह स्टेशनों के बीच मेट्रो सेवा शुरू होगी। इनमें तीन एलिवेटेड स्टेशन ताजपूर्वी गेट, बसई और फतेहाबाद के लिए टेंडर हो चुके हैं। ताजमहल, आगरा फोर्ट और जामा मस्जिद स्टेशन व ट्रैक जमीन के नीचे बनेंगे।
पीएसी ग्राउंड में बनने वाले मेट्रो डिपो में सिकंदरा से ताज पूर्वी गेट कॉरिडोर तक चलने वाली मेट्रो के कोचों की धुलाई होगी