लखनऊ में विधान भवन के सामने ‘नाइट कर्फ्यूू
स्वतंत्रदेश,लखनऊ :शुक्रवार रात करीब 11ः45 बजे हैं। आलमबाग निवासी हरदीप सिंह अपनी बेटी को स्कूटी पर स्वतंत्रदेश,लखनऊ बिठाकर राजभवन मार्ग से गोमतीनगर से लौट रहे थे। हजरतगंज चौराहे से उन्हें चारबाग जाने के लिए मुड़ना था। पर लेफ्ट टर्न पर विधानसभा मार्ग बंद होने के कारण वह एकाएक ब्रेक मारते हुए लड़खड़ा जाते हैं।
इस बीच अशोक मार्ग से कार आ रहे ऐशबाग निवासी एवं भारतेंदु नाट्य एकेडमी के असिस्टेंट डायरेक्टर राहुल श्रीवास्तव ने भी एकाएक बैरीकेडिंग देखकर अपनी कार रोक दी। वह परिवार के साथ थे और गोखले मार्ग से एक शादी से लौट रहे थे। तभी, गोमतीनगर से आ रहे बाइक सवार दीपक भाटी भी रुके वह अपने रिश्तेदार को चारबाग छोड़ने जा रहे थे। इसी प्रकार गोमतीनगर के हिमांशु व कई अन्य लोग गए। सभी को चारबाग की ओर जाना था। सभी का पुलिस कर्मियों से एक ही प्रश्न था कि रास्ता क्यों बंद है।
इस पर पुलिस कर्मियों ने कहा कि विधानभवन और लोक भवन का यह मार्ग रात 11 बजे से सुबह छह बजे तक सुरक्षा कारणों से बंद रहता है। क्योंकि आए दिन यहां कोई न कोई विधानभवन और लोक भवन के सामने आत्महत्या का प्रयास करने के लिए आ जाता है। लोग रात का फायदा उठाकर विधानभवन के आस पास रात में जाकर बैठ जाते हैं और सुबह आत्मदाह करते हैं। आप लोग विधानभवन के पीछे के रास्ते से चले जाएं। यह सुनते ही लोगों ने कहा कि वह भइ वाह पुलिस ऐसे लोगों को रोककर उन्हें पकड़ तो पा नहीं रही है। अपनी नाकामी छुपाने के लिए आम जनता की परेशानी बढ़ा रही है। इसके बाद लोग वापस लौटे और चक्कर काट कर चले गए। मार्ग बंद होने से लोगों को काफी परेशानी होती है। क्योंकि यहीं पर झलकारी बाई अस्पताल और एक पेट्रोल पंप भी है। हालांकि पुलिस का कहना है कि चौराहे से फ्री-लेफ्ट टर्न खुला है। पेट्रोल पंप और अस्पताल जाने वाले उधर से आते-जाते हैं।
कोहरे की धुंध में बढ़ सकती है हादसों की दस्तक
चौराहे पर बैरीकेडिंग होने के कारण कोहरे की धुंध में हादसों की दस्तक बढ़ सकती है। क्योंकि कोहरे में विजिबिलटी बहुत कम रहती है। इसके अलावा यहां पर रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप, साइन ऐरो आदि किसी बोर्ड पर नहीं लगे हैं।
‘लोक भवन और विधान भवन की सुरक्षा के कारणों से यह बैरीकेडिंग कर मार्ग रात 11 बजे से सुबह छह बजे तक बंद रहता है। पुलिस कर्मियों की ड्यूटी भी हजरतगंज और बाबू भवन चौराहे पर रहती है। वाहन चालकों को जरूरत पड़ने पर बैरीकेडिंग खोली भी जाती है।