उत्तर प्रदेश में दुकान खोलने के नियमों में हुआ बड़ा बदलाव
स्वतंत्रदेश ,लखनऊघर में दुकान खोलने वालों को अब हर तरह के शोषण से मुक्ति मिल सकती है। राज्य सरकार 24 मीटर या उससे ज्यादा चौड़ी सड़क पर स्थित आवासीय भूखंडों पर अब व्यावसायिक सहित अन्य तरह की गतिविधियों (मिश्रित भू-उपयोग) की अनुमति देने जा रही है। 45 मीटर या उससे ज्यादा चौड़ी सड़क पर अब गगनचुंबी बहुमंजिला भवन बनाया जा सकेगा। इसी तरह गांव के सात मीटर चौड़े मार्ग पर भी अब उद्योगों को लगाया जा सकेगा। कम भूमि पर ज्यादा से ज्यादा निर्माण सुनिश्चित करने के लिए सरकार जहां भू-आच्छादन व एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) को भी बढ़ा रही है वहीं सेटबैक के मानको को बदलकर कम कर रही है।

महत्वपूर्ण बिंदु–
- गांव में सात मीटर चौड़े मार्ग पर भी अब लगाए जा सकेंगे उद्योग
- 100 वर्ग मीटर तक के आवासीय व 30 वर्गमी. के व्यावसायिक भूखंड के लिए न पास कराना होगा मानचित्र
- भूखंड पर ज्यादा निर्माण के लिए भू-आच्छादन व एफएआर को बढ़ाया गया, कम किया गया सेटबैक
- भवन उपविधि का ड्राफ्ट जारी, 15 दिनों में दे सकते हैं सुझाव, दर्ज करा सकते हैं आपत्ति
- आपत्तियां-सुझाव निस्तारित कर मई में कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही लागू हो जाएगी उपविधि
शहरी क्षेत्र में बढ़ती आबादी को देखते हुए आवासीय सहित अन्य गतिविधियों के लिए कम जमीन पर अधिक निर्माण सुनिश्चित करने के मद्देनजर राज्य सरकार ने 17 वर्ष पुरानी भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2008 के स्थान पर नए सिरे से भवन निर्माण एवं विकास उपविधि को तैयार किया है। नए सिरे से भवन उपविधि बनाने के लिए शासन स्तर से गठित समिति ने दूसरे राज्यों की भवन उपविधियों का अध्ययन करने के बाद भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025 को तैयार किया है।
भवन उपविधि-2025 के ड्राफ्ट को अंतिम रूप
प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन पी गुरुप्रसाद ने बताया कि भवन उपविधि-2025 के ड्राफ्ट को अंतिम रूप दे दिया गया। आवास विभाग का भी दायित्व संभाल रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंगलवार को हरी झंडी मिलने के बाद प्रस्तावित उपविधि पर बुधवार से सुझाव व आपत्तियां मांगी जाएंगी।
निर्माण के लिए मानचित्र पास कराने से भी छूट
प्रस्तावित उपविधि में 100 वर्ग मीटर तक के आवासीय भूखंड व 30 वर्ग मीटर तक के व्यावसायिक भूखंड पर निर्माण के लिए मानचित्र पास कराने से भी छूट दी जा रही है। भूखंड स्वामी को कुछ शर्तों का पालन करते हुए ऑनलाइन पंजीकरण कराकर सिर्फ मानचित्र अपलोड करना होगा। भवन उपविधि-2008 में समय-समय पर किए गए तमाम संशोधनों को भी प्रस्तावित उपविधि में शामिल किया गया है। प्रस्तावित उपविधि पर आने वाले सुझाव व आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए आवास विभाग उपविधि के प्रस्ताव को अंतिम रूप देकर कैबिनेट के समक्ष रखेगा। चूंकि सुझाव-आपत्तियों के लिए 15 दिन की मोहलत दी गई है, इसलिए उपविधि को मई में ही कैबिनेट की मंजूरी मिलने की उम्मीद है। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद विकास प्राधिकरण व आवास विकास परिषद को अपने-अपने बोर्ड के माध्यम से उपविधि को स्वीकार कर लागू करना होगा।