फंसे मजदूरों के लिए खत्म होगी काल रात
उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित सिल्क्यारा टनल हादसे में मजदूरों का संकट जल्द ही खत्म हो सकता है. पीएमओ के पूर्व सलाहकार भाष्कर खुल्बे ने बुधवार को कहा कि सिल्क्यारा में जिस रफ़्तार से पाइप डाला जा रहा है, उसके हिसाब से यह रेस्क्यू ऑपरेशन आज रात ही खत्म होने की उम्मीद है. टनल में फंसी मशीनें और डम्फ़र के पाइप के रास्ते में आने की उम्मीद बेहद कम है, क्योंकि ये मलबे में अनुमानित पच्चीस मीटर की आसपास फंसे थे, जिस दूरी को पार कर लिया गया है.उन्होंने कहा कि अब तक 800 एमएम का पाइप 40 मीटर भीतर जा चुका है. जानकारों के मुताबिक 53 मीटर पाइप जाने की दशा में मजदूर बाहर निकाले जा सकेंगे. सूत्रों के अनुसार आधिकारिक तौर पर बताया गया है कि 39 मीटर तक पाइप अंदर जा चुका है. बाकी पाइप तेजी से अब अंदर जा रहे हैं. जिस तरह से ड्रिल कर पाइप डाले जा रहे हैं और सब ठीक रहा तो 15 घंटे में ऑपरेशन पूरा किया जा सकता है.
वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए मशीन पहुंची
रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर बीआरओ के मेजर नमन नरूला ने कहा कि वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए हमें एक्सेस सड़क बनाना था जिसमें हमें 1150 मीटर का ट्रैक बनाना था जो कि हमने 20 तारीख को बना दिया था. इस ट्रैक के अंतिम छोर पर दो वर्टिकल ड्रिलिंग होने हैं जिसके लिए दो ड्रिलिंग मशीन पहुंचनी थी जिसमें से एक पहुंच चुकी है.
पीएम मोदी ले रहे पल-पल की अपडेट
उन्होंने कहा कि हमें एक और एक्सेस सड़क बड़कोट से बनानी थी जो टनल का दूसरा साइड है उसका सर्वे हमारा कल पूरा हुआ है. हमारी मशीनरी वहां पहुंच चुकी है ताकि अगर जरूरत पड़ी तो हम वहां पर आज से काम शुरू कर सके. पीएम मोदी ने भी आज लगातार तीसरे दिन सीएम पुष्कर धामी को फोन करके बचाव अभियान की जानकारी ली है. सुरंग के अंदर 12 नवंबर से 41 मजदूर फंसे हुए हैं.