प्रदेश में पहली क्रूज निर्माण इकाई का शुभारंभ
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:जल परिवहन को गति दे रहे बनारस में प्रदेश की पहली क्रूज निर्माण इकाई का शुभारंभ हो गया। इस इकाई में मेड इन काशी का पहला क्रूज आदित्य गंगा बनेगा। यह क्रूज आगामी अगस्त से ही गंगा की लहरों के बीच चलेगा। दूसरी तरफ, डबल डेकर आदित्य गंगा का निर्माण पूरा होने के बाद केरल की कंपनी तीन नए क्रूज का निर्माण शुरू करेगी। इसका मसौदा तैयार हो चुका है। फ्रेंच तकनीक से बनने वाले इस क्रूज में सैलानियों की सुविधा का पूरा ख्याल रखा जाएगा।जल परिवहन का केंद्र बनकर उभरे रामनगर स्थित मल्टी मॉडल टर्मिनल में अब क्रूज निर्माण इकाई की भी स्स्थापित कर दी गई है। यहां डबल डेकर क्रूज आदित्य गंगा का निर्माण शुरू कर दिया गया है। क्रूज निर्माण के लिए रामनगर मल्टी माॅडल टर्मिनल के दूसरी ओर मदरवा गंगा तट पर वर्कशॉप स्थापित किया गया है। इससे जुड़े अधिकारियों के मुताबिक डबल डेकर क्रूज आधुनिक उपकरणों से लैस होगा। यह सौर उर्जा से चलेगा। दो तल वाले क्रूज का पहला तल वातानुकूलित होगा। इसमें 63 सीटें होंगी। दरअसल, आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को सरकार वाराणसी में क्रूज निर्माण इकाई के जरिये साकार करने में जुटी है। सब कुछ ठीक रहा तो वाराणसी भी जल परिवहन की दिशा में दुनिया के सामने नई मिसाल पेश करेगा।
पीएम गति शक्ति से आई तेजी
पीएम गति शक्ति के तहत जलमार्गों काे विकसित किया जा रहा है। हाल ही में वाराणसी के चौकाघाट सांस्कृतिक संकुल पीएम गति शक्ति का आयोजन किया गया। इसमें जलमार्गों के विकास की रूपरेखा बनाई गई थी। निर्माण कार्य की जिम्मेदारी संभाल रही कंपनी के सदस्यों के मुताबिक भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अलावा अन्य विभागों से निर्माण की मंजूरी मिलने के बाद क्रूज का निर्माण शुरू किया गया है।
बिजली और सोलर से चलेगा क्रूज
आदित्य गंगा क्रूज को खास फ्रेंच तकनीक से तैयार किया जा रहा है। यह क्रूज पूरी तरह से सोलर से संचालित किया जाएगा। सूरज की रोशनी में यह 14.8 किमी से रफ्तार से चलेगा। साथ ही सूरज की रोशनी की खत्म होने के बाद यह ऑटोमेटिक ही बैटरी बैकअप पर आ जाएगा। इसमें तीन घंटे का बैटरी बैकअप होगा।