BJP ने जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों पर फिर जताया भरोसा
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश में नगर निगम महापौर चुनाव में अपने परंपरागत ब्राह्मण और वैश्य वोट बैंक को साधने की कोशिश की है। पार्टी ने 17 में से पांच नगर निगम में ब्राह्मण और पांच में वैश्य समाज के कार्यकर्ता को महापौर प्रत्याशी बनाया हैं। पार्टी ने पिछड़े व दलित वोट बैंक को प्रतिनिधित्व देकर सामाजिक समीकरण बनाने की कोशिश की है।सामान्य वर्ग में ब्राह्मण, ठाकुर, वैश्य और कायस्थ समाज को भाजपा का सबसे पुराना परंपरागत वोट बैंक माना जाता है। भाजपा ने लोकसभा चुनाव में मिशन 80 का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पार्टी ने निकाय चुनाव से ही अपने परंपरागत वोट बैंक के साथ पिछड़े व दलित वर्ग में भी अपने बड़े वोट बैंक को संतुष्ट करने की रणनीति अपनाई है।
भाजपा की ओर से 16 अप्रैल को घोषित 10 नगर निगम महापौर प्रत्याशी की सूची में तीन वैश्य, दो ब्राह्मण, एक कुर्मी, एक तेली, एक कोरी, एक धोबी और एक कायस्थ समाज के कार्यकर्ता को टिकट दिया था। रविवार रात घोषित दूसरे चरण के 7 नगर निगम के महापौर प्रत्याशी में पार्टी ने तीन ब्राह्मण, दो वैश्य, एक कलाल, एक कुर्मी और एक कलाल समाज के कार्यकर्ता को टिकट दिया है। इस तरह महापौर चुनाव में भाजपा ने पांच ब्राह्मण, पांच वैश्य, दो कुर्मी, एक कोरी, एक धोबी, एक तेली, एक कलाल और एक कायस्थ समाज के कार्यकर्ता को मौका दिया है।
पार्टी ने वाराणसी नगर निगम में अशोक तिवारी, लखनऊ नगर निगम में सुषमा खर्कवाल, अयोध्या के प्रत्याशी गिरिशपति त्रिपाठी, कानपुर की प्रत्याशी प्रमिल पांडेय, बरेली के प्रत्याशी उमेश गौतम ब्राह्मण समाज से हैं। वहीं मुरादाबाद नगर निगम से विनोद अग्रवाल, मथुरा-वृंदावन नगर निगम में विनोद अग्रवाल, प्रयागराज नगर निगम में उमेश चंद्र खर्कवाल, गाजियाबाद से महापौर प्रत्याशी सुनीता दयाल और अलीगढ़ के महापौर प्रत्याशी प्रशांत सिंघल वैश्य समाज से हैं। गोरखपुर नगर निगम से प्रत्याशी डॉ. मगलेश श्रीवास्तव कायस्थ समाज से हैं।