रेलवे फिर कराएगा भगवान राम तीर्थ के दर्शन
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:भारतीय रेल 24 अगस्त को एक बार रामायण सर्किट ट्रेन का दोबारा चलाने जा रही है। यह ट्रेन दिल्ली के सफदरजंग से रवाना होकर अयोध्या पहुचेगी। इसका आखिरी पड़ाव तेलंगाना का भद्राचलम होगा जिसे दक्षिण भारत का अयोध्या कहा जाता है। IRCTC की ये टूरिस्ट ट्रेन भगवान श्री राम से जुड़ी जगहों की सैर कराएगी। श्री रामायण यात्रा का ये टूर पैकेज 17 दिन और 18 रातों का होगा।
IRCTC के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक अजीत कुमार सिन्हा ने बताया, ” धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वातानुकूलित रामायण सर्किट ट्रेन रामायण यात्रा के लिए चलाई जाएगी। जिसमे नेपाल स्थित जनकपुर भी एक महत्वपूर्ण स्थल होगा। हाल ही में भारतीय रेलवे ने नेपाल रेलवे के सहयोग से जनकपुर तक रेल सेवा का संचालन शुरू किया है।
यह विशेष पर्यटक ट्रेन दिल्ली से 21 जून को पहली बार चलाई गई थी। यह ट्रेन पर्यटकों को प्रभु श्रीराम से जुड़े सभी महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों का भ्रमण व दर्शन कराएगी।
20 दिन की यात्रा में 11 धामों के दर्शन कराएगी ट्रेन
- यात्रा का पहला पड़ाव प्रभु श्री राम का जन्म स्थान अयोध्या होगा। श्री राम जन्मभूमि मंदिर, श्री हनुमान मंदिर और नंदीग्राम में भरत मंदिर का दर्शन कराया जाएगा।
- अयोध्या से रवाना होकर यह ट्रेन बक्सर जाएगी, यहां विश्वामित्र जी का आश्रम व रामरेखा घाट पर गंगा स्नान का कार्यक्रम होगा।
- बक्सर से जयनगर होते हुए श्री जानकी के जन्म स्थान जनकपुर तक जाएगी, जहां रात्रि विश्राम होगा व राम जानकी मंदिर का दर्शन किया जा सकेगा। इसके बाद सीतामढी ले जाकर दर्शन कराया जाएगा।
- अगला पड़ाव भगवान शिव की नगरी काशी होगा जहां से पर्यटक बसों द्वारा काशी के प्रसिद्ध मंदिरों सहित सीता समाहित स्थल, प्रयाग, श्रृंगवेरपुर व चित्रकूट की यात्रा करेंगे। इस दौरान काशी प्रयाग व चित्रकूट में रात्रि विश्राम होगा।
- चित्रकूट से चलकर यह ट्रेन नासिक पहुंचेगी जहां पंचवटी व त्रयंबकेश्वर मंदिर का भ्रमण किया जा सकेगा।
- नासिक के बाद प्राचीन किष्किंधा नगरी हंपी इस ट्रेन का अगला पड़ाव होगा। यहां अंजनी पर्वत स्थित श्री हनुमान जन्म स्थल व अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक व विरासत मंदिरों का दर्शन कराया जाएगा।
- हम्पी के बाद रामेश्वरम इस ट्रेन का अगला पड़ाव होगा। रामेश्वरम में पर्यटकों को प्राचीन शिव मंदिर व धनुषकोडी का दर्शन कराया जाएगा।
- रामेश्वरम से चलकर ट्रेन कांचीपुरम पहुंचेगी जहां शिव कांची, विष्णु कांची और कामाक्षी माता मंदिर का भ्रमण कराया जाएगा।
- इस ट्रेन का अंतिम पड़ाव तेलंगाना में स्थित भद्राचलम होगा जिसे दक्षिण भारत के अयोध्या के नाम से भी जाना जाता है।
- आठ हजार किलोमीटर की यात्रा पूरी करने के बाद यह ट्रेन 20वें दिन दिल्ली वापस पहुंचेगी।
- वातानुकूलित पर्यटक ट्रेन में एसी तृतीय श्रेणी के 11 कोच होंगे।
- यात्रियों को उनकी बर्थ पर ही शाकाहारी भोजन परोसा जाएगा।
- ट्रेन में यात्रियों के मनोरंजन व यात्रा की जानकारी के लिए इन्फोटेन्मेंट सिस्टम भी लगाया गया है।
- सुरक्षा के लिए सुरक्षा गार्ड और सीसीटीवी कैमरे भी हर कोच में उपलब्ध रहेंगे।