डब्ल्यूएचओ का खुलासा, दुनिया में 200 मामले
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि मंकीपॉक्स के वायरस का स्वरूप संक्रमण वाले मूल देशों और अन्य देशों में समान पाया गया है। यानी उसमें म्यूटेशन या बदलाव नहीं हुआ है। संगठन ने गैर प्रसार वाले देशों को बचाव के लिए तत्काल कदम उठाने की हिदायत दी है।
डब्ल्यूएचओ में वैश्विक संक्रमण खतरों से निपटने के लिए बनाए गए कार्यदल की निदेशक सिल्वी ब्रायंड ने कहा, हमारे पास मंकीपॉक्स को फैलने से रोकने का अवसर है। अगर हम सही जगहों पर सही उपाय करें तो इसे स्थानीय स्तर पर ही नियंत्रित कर सकते हैं। उन्होंने कहा, इस बीमारी का प्रसार कोरोना जैसे वायरसों के मुकाबले काफी कम है।
मंकीपॉक्स मूल रूप से अफ्रीकी देशों में होते रहे इस संक्रमण के यूरोप व अमेरिका जैसे गैर प्रसार देशों में इसके फैलने पर चिंता जाहिर की जा रही थी। दुनिया में अब तक इसके 200 से ज्यादा मामले मिल चुके हैं।
भारत में कोई मामला नहीं, सतर्कता बरत रहे : आईसीएमआर
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने कहा है कि भारत इस बीमारी से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। हालांकि, देश में अभी तक कोई भी मामला सामने नहीं आया है। आईसीएमआर की वैज्ञानिक डॉ अपर्णा मुखर्जी ने कहा, हमारी तैयारियां पूरी हैं। आईसीएमआर की ओर से इससे बचने के दिशानिर्देश जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने मंकीपॉक्स प्रभावित देशों से आए लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी।