सिविल कोड के वादे पर आगबबूला हुआ विपक्ष
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को बड़ा एलान करते हुए कहा कि यदि भाजपा राज्य की सत्ता में दोबारा आती है तो शपथ ग्रहण के तुरंत बाद वह यूनिफार्म सिविल कोड लाएंगे। इसके लिए विशेष कमेटी गठित की जाएगी। पुष्कर सिंह धामीकी ओर से राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा करने के बाद विपक्षी दलों ने इस पर मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है।
आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल ने यूनिफार्म सिविल कोड को लागू करने की घोषणा पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह वादा उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को देखते हुए किया जा रहा है। वहीं भारतीय जनता पार्टी और भाजपा युवा मोर्चा ने इस पहल के लिए धामी की सराहना की। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने धामी पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को इस तथ्य को समझना चाहिए कि यूनिफार्म का मतलब पोशाक नहीं है। बाबा कहते थे कि यह स्वैच्छिक होना चाहिए अनिवार्य नहीं। हम विविधता में एकता में विश्वास करते हैं। ओवैसी ने स्पष्ट किया कि राष्ट्र एक है लेकिन संस्कृतियां अलग अलग हैं। लोगों को अनुच्छेद-29 के अनुसार अपनी संस्कृति को संरक्षित करने का अधिकार है।
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आगे कहा- धामी ने यह वादा इसलिए किया है क्योंकि उन्हें पता है कि भाजपा इस बार उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव हार जाएगी। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि उन्होंने राज्य के विकास के लिए क्या किया है। वहीं राजद नेता मनोज झा ने भी यूनिफार्म सिविल कोड का वादा करने को लेकर धामी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि यह विचार उन्हें उत्तराखंड में चुनाव से ठीक पहले आया है।
कांग्रेस नेता जयवीर सिंह गिल ने उत्तराखंड के सीएम पर तंज कसते हुए कहा कि राज्य विधानसभा चुनावों से पहले यूनिफार्म सिविल कोड का वादा करके एक जुमला पेश किया गया है। उत्तराखंड के सीएम धामी को इस बात की चिंता होनी चाहिए कि भाजपा के चुनाव हारने और उत्तराखंड में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद वह कैसे समय बिताएंगे। यह धामी का निर्णय है आम लोग उन पर विश्वास नहीं करते हैं।