तय सीमा समाप्त 36% सड़कें नहीं बनी
स्वतंत्रदेश ,लखनऊ:तमाम दावे और वादों के बाद भी नगर निगम शहर की सड़कों को ठीक नहीं कर पाया है। 30 नवंबर तक नगर निगम को जितनी सड़कें बनानी थीं, उसका महज 64 फीसदी ही काम हो पाया है। अभी करीब 36 फीसदी काम पूरा नहीं हुआ है।
इसमें सबसे खराब स्थिति जोन पांच की है। जोन पांच में ही मेयर संयुक्ता भाटिया का आवास पड़ता है। इस जोन में महज 9.6 प्रतिशत सड़कें ही बन पाई है। सबसे अच्छी स्थिति नगर विकास मंत्री के जोन की है। आशुतोष टंडन का आवास जोन छह में पड़ता है। यहां 89.6 फीसदी सड़कें बन गई है।
सीएम के आदेश के बाद लखनऊ में करीब 325 किलोमीटर सड़क पर गड्ढ़ा भरना था। यह काम कागजों में 100% दिखा गया गया है। वहीं, 151 किलोमीटर सड़कें बननी थी। यह काम 65 फीसदी भी पूरा नहीं हो पाया है। विभाग के इंजीनियर इसमें फेल है। जोन पांच के बाद सबसे खराब काम जोन दो का है।
इसमें चारबाग, ऐशबाग, राजाजीपुरम जैसे इलाके आते हैं। यहां तक की 6.7% काम हो पाया है। राजधानी होने और तमाम संसाधन के बाद भी नगर निगम यहां काम नहीं करा पाया है।
जोन चार में ठेकेदार पर कार्रवाई
काम में देरी को लेकर अधिकारियों ने जोन चार के कुछ फर्म मालिकों के खिलाफ कार्रवाई भी की है। हालांकि इस दौरान जिम्मेदारी इंजीनियरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पाया है। जबकि 300 करोड़ रुपए से ज्यादा का देनदारी होने के कारण जल्दी नगर निगम में कोई ठेकेदार काम नहीं करना चाहता था।
नगर विकास मंत्री के क्षेत्र में सबसे ज्यादा गड्ढे
नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन के अन्तर्गत आने वाले इंदिरा नगर, विकास नगर समेत कई इलाकों में सबसे ज्यादा गड्ढे है। जोन सात में 70 किलोमीटर गड्ढे का काम कराया गया है। हालांकि यहां सड़कों की स्थिति बहुत खराब है। इस्माईलगंज वार्ड दो के पूर्व पार्षद रुद्र प्रताप सिंह का कहना है कि उनके यहां जो भी सड़कें बननी थी। उसमें से ज्यादातर का काम नहीं हो पाया है।