आरोपों के घेरे में लोहिया संस्थान की भर्ती प्रक्रिया
स्वतंत्रदेश , लखनऊ:लखनऊ का लोहिया संस्थान एक बार फिर से सुर्खियों में है। इस बार डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया में मनमानी किए जाने के आरोप लग रहे है। आरक्षण नियमों की अनदेखी के आरोप की शिकायत शासन तक की गई है। पूरे मामले से मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया गया है। फिलहाल भर्ती प्रक्रिया पूरी नही हुई है पर अभी से पूरा मामला विवादों के घेरे में आ गया है।
फैकल्टी की भर्ती में मनमानी के लग रहे आरोप
दरअसल लोहिया संस्थान में 26 विभाग के लिए फैकल्टी मेंबर्स की भर्ती निकाली गई है। इसमें प्रोफेसर के 15, एसोसिएट प्रोफेसर के 10, असिस्टेंट प्रोफेसर के 21 के अलावा इंटरनल मेडिसिन अफसर के एक पद के लिए आवेदन मांगे गए है। आरोप है कि इसमें आरक्षण निर्धारण नहीं किया गया है और सभी वर्ग से आवेदन मांगे गए हैं। साथ ही आनलाइन फीस जमा करने की अंतिम तारीख भी एक नवंबर निर्धारित करते हुए आरक्षित वर्ग के लोगों को आवेदन शुल्क जमा करने की में भी रियायत नही दी गई। रिजर्व कैटेगरी के आवेदकों का कहना है आरक्षण निर्धारण नहीं होने की वजह से हर वर्ग के लोग फीस जमा कर रहे हैं। जबकि शासनादेश के तहत आरक्षण निर्धारण होता तो संबंधित पद के लिए उसी वर्ग के लोग आवेदन करते है इसीलिए पूरी प्रक्रिया शक के दायरे में है, और इसकी जांच होनी चाहिए।