लखीमपुर में मासूम से दरिंदगी के बाद हत्या के आरोपित के बचाव में उतरे ग्रामीण, शुरू किया धरना
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में 10 दिन पूर्व तीन वर्षीय मासूम की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में नया मोड़ आ गया है। मामले के जिस आरोपित लेखराम को पुलिस ने मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था, शनिवार को उसके बचाव में बड़ी संख्या में ग्रामीण उतर आए। ग्रामीणों ने लेखराम को निर्दोष बताते हुए गांव में धरना प्रदर्शन शुरू किया है।
बीती चार सितंबर को पुलिस ने निघासन क्षेत्र में हुई मुठभेड़ के दौरान लेखराम को गिरफ्तार कर लिया था। मुठभेड़ में लेखराम के साथ ही स्वाट टीम का एक सिपाही भी घायल हुआ था। पुलिस ने लेखराम को जेल भेज दिया था, पर घटना का कारण जो पुलिस ने बताया वह किसी के गले नहीं उतर रहा था। पुलिस ने बताया था कि वर्ष 2014 में लेखराम की पत्नी की हत्या हो गई थी, जिसमें उक्त मासूम का ताऊ आरोपित था। इसी रंजिश के कारण लेखराम ने बच्ची के साथ दरिंदगी की घटना को अंजाम दिया।
अब शनिवार को गांव के तमाम लोगों ने लेखराम को निर्दोष बताते हुए उसके समर्थन में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। बसपा के जिलाध्यक्ष प्रमोद चौधरी भी धरने को समर्थन देने गांव पहुंचे हैं। धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों ने लेखराम को निर्दोष बताते हुए पुलिस मुठभेड़ पर सवाल उठाए हैं। लोगों की मांग है कि लेखराम का डीएनए टेस्ट कराने के साथ ही घटना की सीबीआइ जांच कराई जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके।
दरअसल, थाना सिंगाही क्षेत्र के एक गांव में तीन वर्षीय बच्ची बीती दो सितंबर को घर के बाहर से लापता हो गई थी। तीन सितंबर को उसका शव गांव के बाहर एक गन्ने के खेत में बरामद हुआ था। शव मिलने के बाद पुलिस ने गांव के ही लेखराम के खिलाफ बालिका की हत्या करने का मुकदमा दर्ज किया था। बाद में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि बालिका की दुष्कर्म के बाद गला दबाकर हत्या की गई है। तब पुलिस ने दर्ज मुकदमे में दुष्कर्म और पोक्सो एक्ट की धारा की बढ़ाई।