भारत की कूटनीतिक पहल
अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर वैश्विक स्तर पर भारत का विमर्श जारी है। इस क़़डी में विदेश मंत्री एस जयशंकर का अचानक कतर पहुंचना बहुत ही महत्वपूर्ण है। अमेरिका की दो दिवसीय यात्रा से लौट रहे जयशंकर शुक्रवार को कतर में कुछ देर के लिए रुके और वहां के उप प्रधानमंत्री व विदेश मंत्री शेख मुहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से मुलाकात की।
कतर में अब भी अफगानिस्तान में शांति वार्ता को लेकर बातचीत का दौर चल रहा है। तालिबान के कुछ नेता इस समय भी वहां मौजूद हैं। पूर्व में यह खबर आई थी कि कतर में तालिबान के नेताओं की भारतीय दल के साथ मुलाकात हुई है।
इस बैठक के बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया गया है। विदेश मंत्री ने स्वयं ट्वीट कर यह जानकारी दी है और कहा है कि अफगानिस्तान के बारे में महत्वपूर्ण विचारों का आदान-प्रदान हुआ है। दूसरी तरफ शेख अल थानी की तरफ से भी बताया गया है कि दोनों देशों के आपसी ऐतिहासिक रिश्तों के साथ ही हाल में अफगानिस्तान में हो रहे बदलाव को लेकर भी चर्चा हुई है। कतर की राजधानी दोहा में अमेरिका और तालिबान के बीच पहले बातचीत का दौर शुरू हुआ था। इससे अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी की राह बनी।