श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट जमीन विवाद
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर जमीन खरीदने में गड़बड़ी किए जाने के आरोप लग रहे हैं। इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अधिकारियों को फटकार लगाई है और अयोध्या जिला प्रशासन से विवादित जमीन पर डिटेल रिपोर्ट तलब की है। हालांकि यह मामला उस मामले से बिल्कुल अलग है जिसमें सपा और आप के नेताओं ने दो करोड़ के राजीनामे की जमीन को 18.5 करोड़ रुपए में बेचने का आरोप लगाया था।
अयोध्या में ट्रस्ट ने कोट रामचंद्र इलाके में जो जमीन 2.5 करोड़ में खरीदी है अब उसकी पड़ताल की जा रही है। अयोध्या जिला प्रशासन के सूत्र बताते हैं कि शासन के निर्देश के बाद 100 साल पुराने दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। इस बात को समझने की कोशिश की जा रहा है कि आखिरकार यह जमीन वास्तव में नजूल की है या फिर प्राइवेट है? यदि यह जमीन नजूल की है तो इसका रिन्यूअल हुआ या नहीं? इन चीजों को समझने के लिए अब अंग्रेजों के समय के दस्तावेज भी निकाले जा रहे हैं। इसके बाद पूरी रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी जाएगी।
अयोध्या के नजूल ऑफिस और सदर तहसील के कार्यालय के दस्तावेज भी चेक किए जा रहे हैं। इसमें उस समय के दस्तावेज भी देखे जा रहे हैं जब देश में ब्रिटिश शासन था और उस समय फैजाबाद संयुक्त अवध प्रांत के नाम से जाना जाता था।
बकौल अधिकारी, ”अयोध्या के कोट रामचंद्र इलाके में 890 स्क्वायर मीटर जमीन को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है। इसमें यह पता लगाने का प्रयास हो रहा है कि क्या वास्तव में यह जमीन नजूल (सरकारी) है। यदि है तो बिना तथ्यों की जानकारी किए इसकी बिक्री कैसे हो गई।