एलडीए ने दर्ज कराया नगर प्लाट घोटाले पर मुकदमा
स्वतंत्रदेश,लखनऊ : ट्रांसपोर्ट नगर प्लॉट घोटाले से गायब हुई 79 भूखंडों की फाइलों में अधिकांश की फाइलें तो मिल गईं, लेकिन चार फर्जी भूखंडों के बाद सात वाणिज्यक भूखंड और मिले हैं, जिनका कोई वारिस सामने नहीं आया। जांच में पाया गया कि यह भूखंड दलालों ने लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) के बाबुओं से मिलीभगत करके सरकारी दस्तावेजों में चढ़वा लिए, बल्कि लाखों रुपये लविप्रा के खाते में जमा भी करवा दिए।
योजना देख रहे पूर्व अफसर इस घोटाले को उजागर करने में कोई रुचि नहीं ले रहे थे। अब इन सभी 11 भूखंडों को लविप्रा नीलाम करने जा रहा है। वहीं छह भूखंड और मिले हैं जो लविप्रा के हैं, लेकिन लविप्रा इससे अंजान था। इनकी अभी और तहकीकात लविप्रा कर रहा है। एक भूखंड की कीमत करीब नब्बे लाख है। डीएम एवं लविप्रा उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने मामला उजागर होने पर निष्पक्ष जांच के आदेश दिए थे।
भूखंड संख्या दस्तावेजों में चढ़े गलत नाम राशि
- जी 69 मुकेश कुमार 2,19,830 रुपये
- जी 18/308 साधना सिटी होम 6,16,673 रुपये
- एफ 45/308 बाबू सिंह सैनी 5,01,690 रुपये
- एफ 275 चंद्र शेखर सिंह 22,299 रुपये
- एफ 344 मन्दीप चौधरी 80,000 रुपये
- एफ 480 विनोद कुमार 3,67,000 रुपये
- एफ 481 रवीन्द्र कुमार यादव 56,000 रुपये
- एफ 92 दिनेश उपलब्ध नहीं
- एफ 250 एस कुमार उपलब्ध नहीं
- एफ 340 जी कुमार उपलब्ध नहीं
- एफ 344 मीता उपलब्ध नहीं
यह भूखंड भी खाली, लविप्रा कर रहा जांच
- भूखंड संख्या सी 63, ई 301, ई 418 ए, 249, एस 10/105 और एस 10/106 हैं।
ट्रांसपोर्ट नगर के 11 भूखंडों की नीलामी लविप्रा करेगा। यह भूखंड लविप्रा के हैं। क्योंकि सारी प्रकिया करने के बाद इनकी फाइल नहीं मिली और न ही कोई हक जताने आया। –ज्ञानेंद्र वर्मा, अपर सचिव, लविप्रा