जानकीपुरम आवासीय भूखंड घोटाले की सुनवाई जल्द
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:लखनऊ विकास प्राधिकरण (लविप्रा) में वर्ष 2005 में हुई जानकीपुरम भूखंड घोटाले की जांच भले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने पूरी हो गई हो और रिकवरी के आदेश हुए हो, लेकिन रिकवरी पूरी नहीं हो सकी। 17 फरवरी को उच्च न्यायालय में तत्कालीन संपत्ति अधिकारी राम प्यारे सिंह मामले की सुनवाई थी, अब न्यायालय ने 24 फरवरी की तिथि सुनवाई के लिए मुकर्रर की है। प्राधिकरण ने राम प्यारे पर 23,73, 623 रुपये की रिकवरी होनी थी। हालांकि, 177 आवासीय भूखंड घोटाले में करीब 1.46 करोड़ की वसूली सोलह अफसरों से होनी है। इनमें अधिकांश सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता रत्नेश चंद्रा ने बताया कि जानकीपुरम भूखंड में हुई हेराफेरी व रिकवरी से संबंधित मामले में राम प्यार सिंह से जुड़े केस की सुनवाई चल रही है। उन्होंने बताया कि 17 फरवरी को हुई थी, अब सुनवाई की अगली तिथि निर्धारित की गई है। इनमें कई अधिकारी व कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इनमें कुछ से रिकवरी कुछ लाख की हुई है बाकी सवा करोड़ के आसपास बाकी है। इन लोगों से होनी है रिकवरी, सभी अफसर व अभियंता तत्कालीन पदों पर थे।
अनु सचिव, राम प्रकाश सिंह से 94,01,647 रुपये, संपत्ति अधिकारी रामप्यारे सिंह से 23,73, 623 रुपये, संयुक्त सचिव आरएन सिंह 1,73,010 रुपये, संयुक्त सचिव मिश्री लाल पासवान 1,80,330 रुपये, संयुक्त सचिव श्रीपाल वर्मा 1,20,860 रुपये, अधिशासी अभियंता केके पांडे 4,74,210 रुपये, सहायक अभियंता डीपी सिंह 4,56,010, जेई जे वाधवानी 2,14,197 रुपये, जेई ओपी पांडे 1,33, 768 रुपये, ड्राफ्टमैन पूरन सिंह नागर 3,27,210 रुपये, योजना सहायक आरएन द्विवेदी 2,60,014 रुपये, योजना सहायक जेपी शुक्ला 38,697 रुपये, सेक्शन आफिसर श्याम किशोर गुप्ता 3,44957 रुपये, जेई एके जौहरी 42,254 रुपये, जेई पंकज कुमार 31,446 रुपये और एई डीवी माथुर 18,200 रुपये की रिकवरी होनी है।