फाइलों में कैद महिला सुरक्षा
स्वतंत्रदेश,लखनऊ:महिलाओं की सुरक्षा को लेकर निर्भया मद से लाई गईं पिंक बसों के पैनिक बटन का लिंक इन दिनों डायल-112 से गुम हो गया है। पैनिक बटन काम नहीं कर रहे हैं। ये अपना काम फिर से तब शुरू करेंगे जब इंटीग्रेटर भुगतान के पेच में उलझी फाइल आगे बढ़े। करीब दो माह हो गए हैं, लेकिन अभी तक महिला पिंक बसों में लगे पैनिक बटन शुरू नहीं हो सके हैं। साल 2019 में तकरीबन दो साल पहले परिवहन निगम ने निर्भया मद से 50 पिंक बसों की खरीद की थी। इनमें महिला यात्रियों की सुरक्षा को खासतौर पर प्राथमिकता दी गई थी। बसों में सीसीटीवी कैमरा, जीपीएस समेत महिला सुरक्षा के लिए सबसे अहम सीट के ऊपर पैनिक बटन लगाए गए थे।
इन्हें रोडवेज मुख्यालय समेत उस समय के डायल-100 आज के (डायल-112) से सीधे जोड़ा गया था। मंशा थी कि सफर के दौरान किसी भी तरह की परेशानी आने पर महिला यात्री इस बटन को दबा मदद मांग सकती है। जैसे ही इस बटन को दबाया जाता है, इसका अलर्ट तुरंत ही बस में मौजूद टीम के अलावा रोडवेज मुख्यालय और डायल 112 तक त्वरित गति से पहुंचता है। इसमें लगे जीपीएस की सहायता से लोकेशन ट्रैक कर तुरंत ही संबंधित क्षेत्र की पुलिस और रोडवेज की टीम मौके पर यात्रियों को राहत प्रदान करने के लिए कुछ मिनटों में ही पहुंच जाती है। लेकिन बीते दो माह से इन बसों के पैनिक बटन ने काम करना बंद कर दिया है। भुगतान के पेच में फिलहाल महिला सुरक्षा का यह लिंक अभी गुम है। यह कब ठीक होगा यह कहना फिलहाल मुश्किल है?
इसकी व्यवस्था बस देने वाली कंपनी को ही करनी चाहिए थी। फिलहाल इसे लेकर जांच की जा रही है। पिंक बसों में लगे पैनिक बटन के भुगतान से जुड़ी पत्रावली के सभी बिंदुओं का परीक्षण कराया जा रहा है। जल्द ही इसे ठीक कराया जाएगा।