कैमरे के सामने अपराध का राज खोलेगा चेहरा
मनुष्य अगर किसी अपराध या घटना में शामिल है और उसने बचने के लिए सारे सबूत तक मिटा दिए हैं तो भी उसके काले कारनामे को पकड़ना आसान हो सकेगा। अब उसके राज से पर्दा उठाने का काम चेहरे के हावभाव करेंगे। लाई डिटेक्टर-नार्को टेस्ट के बाद बहुत जल्द फेस डिटेक्टर टेस्ट भी आने वाला है। आइआइटी के विशेषज्ञों ने चेहरे के हावभाव पर शोध किया है, जो अंतरराष्ट्रीय जर्नर में प्रकाशित हुआ है।
आइआइटी विशेषज्ञों ने किया शोध
आइआइटी कानपुर के विशेषज्ञों ने दुनिया में पहली बार शर्म, पश्चाताप, प्रायश्चित पर काम किया है। यह अंतरराष्ट्रीय जर्नल में पांच नवंबर को प्रकाशित हुआ है। इसमें विशेषज्ञों ने सिद्ध किया है कि कोई शातिर भले ही कोई अपने अपराध को छुपा जाए, लेकिन उसके चेहरे का बढ़ा हुआ तापमान गुनाह में शामिल होने के संकेत दे देगा। उन्होंने तकनीक का इस्तेमाल लाई डिटेक्टर और नार्को टेस्ट की तरह ही दूध का दूध और पानी का पानी करने में इस्तेमाल के लिए नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के जर्नल को मॉड्यूल का पूरा प्रस्ताव भेजा जाएगा। यह माॅड्यूल इंटरव्यू, भर्ती प्रक्रिया और अन्य जगह उपयोग में लाया जा सकता है।
दो चरणाें में हुआ शोध
आइआइटी के ह्यूमैनिटी एंड सोशल साइंसेज के विभागाध्यक्ष प्रो. ब्रज भूषण, मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रो. पीके पाणिग्रही, शोधार्थी शबनम बासु और सौरभ दत्ता की टीम ने दो चरणों में शोध किया। पहले चरण में 30 छात्रों से जिंदगी की ऐसी घटनाएं लिखने के लिए कहा, जिसमें उन्हें शर्म, पश्चाताप और प्रायश्चित हुआ है। छात्रों ने अपनी कहानी दे दी, जिसमें से कुछ की परिस्थितियों को चित्रण रूप में तैयार किया गया।
केस का जल्दी होगा निपटारा
प्रो. ब्रज भूषण के मुताबिक शोध को फ्रंटियर इन साइकोलॉजी में प्रकाशित किया गया। इससे किसी भी तरह के केस का निटपारा आसान होगा। मॉड्यूल को नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ के जर्नल को प्रेषित किया जाएगा।